
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार एक्शन मोड में है. आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी और 10 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. इस घटना के 8वें दिन की शाम को पीएम मोदी ने सुरक्षा और सैन्य रणनीति को लेकर हाई लेवल मीटिंग की.
आज देर शाम पीएम मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के साथ भी एक बैठक की. हालांकि, इस बैठक की जानकारी मीडिया में नहीं आई.
सेना को टारगेट, समय और हमले का तरीका तय करने की छूट
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ हुई एक अहम बैठक में पीएम मोदी ने साफ कहा कि आतंकवाद के खिलाफ करारा जवाब देना अब राष्ट्रीय संकल्प है. उन्होंने भारतीय सशस्त्र बलों की क्षमताओं पर पूर्ण विश्वास जताते हुए उन्हें यह स्वतंत्रता दी कि वे कार्रवाई का तरीका, समय और लक्ष्य खुद तय करें.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ से पीएम की विशेष मुलाकात
हाईलेवल मीटिंग के लगभग आधे घंटे बाद रात करीब 7:30 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और कथित तौर पर गृह मंत्री अमित शाह भी पीएम आवास पहुंचे. पीएम मोदी और मोहन भागवत के बीच करीब आधे घंटे तक मुलाकात चली. माना जा रहा है कि इस बातचीत में राष्ट्रीय सुरक्षा, कश्मीर स्थिति और आतंकवाद के खिलाफ आने वाले कदमों पर विचार-विमर्श हुआ.
इस घटनाक्रम को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल तेज है. एक ओर जहां सरकार ने सेना को खुली छूट देकर सख्त संदेश दिया है, वहीं RSS प्रमुख की मौजूदगी से यह संकेत भी मिल रहा है कि यह मुद्दा केवल सुरक्षा नहीं बल्कि वैचारिक और रणनीतिक दृष्टि से भी अहम हो गया है.