कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने गुरुवार को लोकसभा में एक अड्जर्नमेंट मोशन नोटिस प्रस्तुत किया, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह के संविधान दिवस पर राज्यसभा में दिए गए बयान पर त्वरित चर्चा की मांग की और उनसे माफी मांगने और इस्तीफा देने की अपील की।
टैगोर ने आरोप लगाया कि शाह के पहले के बयान से पूर्व कानून और न्याय मंत्री डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान हुआ है। लोकसभा के सचिव जनरल को लिखे पत्र में टैगोर ने इसे “आपातकालीन सार्वजनिक महत्व” का मामला बताते हुए कहा कि गृह मंत्री के बयान ने अंबेडकर के प्रति “असम्मान” जताया और “लाखों भारतीयों, खासकर दलित समुदाय” को गहरा आघात पहुंचाया है।
नोटिस में टैगोर ने कहा, “गृह मंत्री ने अपने संबोधन में डॉ. भीमराव अंबेडकर, हमारे संविधान के प्रमुख निर्माता, का अपमान किया। यह न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत को कमजोर करता है, बल्कि हमारे संविधान में निहित न्याय, समानता और सामाजिक सौहार्द के आदर्शों को भी धूमिल करता है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह बयान न केवल डॉ. अंबेडकर की विरासत का अपमान है, बल्कि दलित समुदाय और उन लाखों भारतीयों को भी गहरी चोट पहुंचाता है, जो डॉ. अंबेडकर को सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण का प्रतीक मानते हैं।”
कांग्रेस नेता ने इस आधिकारिक नोटिस में दो मुख्य मांगें रखी। पहले, उन्होंने गृह मंत्री से सदन में सार्वजनिक माफी की मांग की, “माफी आवश्यक है ताकि दलित समुदाय और भारत के नागरिकों को जो अंबेडकर की पूजा करते हैं, उनके घावों का इलाज हो सके।” दूसरी, उन्होंने शाह से इस्तीफा देने की अपील की, “उनके बयान की गंभीरता को देखते हुए, गृह मंत्री को अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। अगर वह पद पर बने रहते हैं, तो यह लोगों के विश्वास को नुकसान पहुंचाएगा।