कौन हैं Ex RAW चीफ आलोक जोशी, जो बने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष

  • April 30, 2025
  • 0
  • 15 Views
Alok Joshi NSAB Chairman

Alok Joshi NSAB Chairman: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. इसके परिणामस्वरूप, भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसी संदर्भ में, भारत सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) का पुनर्गठन किया और पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष नियुक्त किया है.

उनकी खुफिया क्षेत्र में विशेषज्ञता और अनुभव इस नियुक्ति को रणनीतिक नजर से महत्वपूर्ण बनाते हैं. आइए, जानते हैं आलोक जोशी के बारे में और उनकी यह नई भूमिका भारत की सुरक्षा नीतियों पर किस तरह प्रभाव डाल सकती है.

जानिए कौन हैं आलोक जोशी
आलोक जोशी 1976 बैच के हरियाणा कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं. लखनऊ से ताल्लुक रखने वाले जोशी ने अपनी उच्च शिक्षा जेएनयू से राजनीति विज्ञान में की. इसके बाद उन्होंने आईपीएस अधिकारी के रूप में अपनी करियर यात्रा शुरू की और धीरे-धीरे खुफिया क्षेत्र में अपनी छवि बनाई. जोशी 2012 से 2014 तक भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) के प्रमुख रहे. इसके बाद, उन्होंने 2015 से 2018 तक राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (NTRO) के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया.

जोशी को नेपाल और पाकिस्तान जैसे देशों में खुफिया अभियानों को अंजाम देने का श्रेय प्राप्त है. उनकी साइबर सुरक्षा में विशेषज्ञता और तकनीकी ज्ञान ने उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में एक सम्मानित और विश्वसनीय नाम बना दिया है.

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) क्या है?
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड (NSAB) भारत की सुरक्षा से जुड़े अहम मुद्दों पर सरकार को सलाह देने वाली एक प्रमुख संस्था है. यह बोर्ड राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद को लंबी अवधि की रणनीतियाँ और सुझाव प्रदान करता है. हाल ही में इस बोर्ड को नए सिरे से गठित किया गया है, जिसमें आलोक जोशी के अलावा सेना, पुलिस और विदेश सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी भी शामिल हैं.

जोशी की नियुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है?
आलोक जोशी की नियुक्ति इसलिए अहम है क्योंकि उनके पास खुफिया जानकारी और साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में गहरी विशेषज्ञता है. उनके नेतृत्व में, NSAB भारतीय सुरक्षा नीतियों को और मजबूत कर सकता है, विशेषकर तब जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है. जोशी की विशेषज्ञता से आतंकवाद और साइबर हमलों जैसे नए प्रकार के खतरों से निपटने में मदद मिल सकती है.

पाकिस्तान से जुड़ी उनकी अहम भूमिका
जोशी ने पाकिस्तान और नेपाल में कई खुफिया अभियानों का नेतृत्व किया, जिससे उन्हें इन देशों में संचालन के संबंध में महत्वपूर्ण अनुभव प्राप्त हुआ है. उनके नेतृत्व में, NSAB भारत की सुरक्षा रणनीतियों को और सुदृढ़ करेगा.

इसके अलावा, बोर्ड में कई अन्य महत्वपूर्ण लोग शामिल किए गए हैं. इनमें वेस्टर्न एयर कमान के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल पीएम सिन्हा, सदर्न आर्मी कमान के पूर्व प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह, रिटायर रियर एडमिरल मॉन्टी सन्ना, रिटायर आईपीएस अधिकारी राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह, तथा विदेश सेवा से सेवानिवृत्त बी. वेंकटेश वर्मा शामिल हैं.

प्रधानमंत्री आवास पर महत्वपूर्ण बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा स्थिति और संभावित कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक आयोजित की गई थी. इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी शामिल हुए थे. बैठक के बाद अन्य मंत्रिमंडल समितियों की बैठकें भी हुईं और मीडिया को फैसलों की जानकारी दी गई.