
भारत के शुभांशु शुक्ला इस समय Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर मौजूद हैं और उन्होंने अपने स्पेस रूम यानी सोने की जगह चुन ली है। उनके साथ गए बाकी तीन क्रू सदस्य — पेगी व्हिटसन, स्लावोस्ज़ उज्नांस्की और टिबोर कापु — ने भी अपने-अपने मॉड्यूल चुन लिए हैं।
NASA और Axiom के साझा बयान के मुताबिक, सभी चार अंतरिक्ष यात्री अब Expedition 73 की टीम के साथ मिलकर स्टेशन पर रिसर्च और ट्रेनिंग में व्यस्त हैं।
कहां सो रहे हैं एस्ट्रोनॉट्स?
- शुभांशु शुक्ला — ड्रैगन मॉड्यूल
- पेगी व्हिटसन — एयरलॉक
- स्लावोस्ज़ उज्नांस्की — कोलंबस मॉड्यूल
- टिबोर कापु — जापानी एक्सपेरिमेंट मॉड्यूल (JEM)
डॉकिंग के बाद टीम ने अपनी रहने की जगह तय की और तुरंत ISS से जुड़ी सेफ्टी ब्रिफिंग, इमरजेंसी प्रोटोकॉल और माइक्रोग्रैविटी में जीने की ट्रेनिंग में जुट गई।
रिसर्च और स्टेशन की दिनचर्या
शुक्रवार को पेगी और टीम ने ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से वैज्ञानिक उपकरण, सैंपल और फ्रीजर को निकालकर स्टेशन की लैब्स में इंस्टॉल किया। कुछ सुरक्षा उपकरण अस्थायी रूप से ड्रैगन में भी रखे गए — यह प्रक्रिया स्पेस मिशन में सामान्य मानी जाती है।
NASA की फ्लाइट इंजीनियर ऐनी मैकलेन ने नए एस्ट्रोनॉट्स को स्टेशन की संरचना समझाई और सामान शिफ्ट करने में मदद की।
चांद की तस्वीरें और आंखों की जांच भी जारी
ISS की मौजूदा टीम अपने रिसर्च कार्यों में लगी रही। इस दौरान अंतरिक्षीय व्यायाम, आंखों की जांच और चंद्रमा की शानदार तस्वीरें लेना भी शामिल रहा।
एक खास पल तब आया जब पेगी व्हिटसन ने धरती की एक खूबसूरत तस्वीर शेयर करते हुए लिखा:
“मैंने इस दृश्य को बहुत मिस किया था।”
NASA और Axiom मिलकर कर रहे हैं तैयारी
अब दोनों टीमें मिलकर ISS पर आने वाले कार्गो जहाज की तैयारी में भी लगी हैं, जिससे भविष्य के मिशन के लिए जरूरी सप्लाई और उपकरण भेजे जाएंगे।
Axiom-4 मिशन वैज्ञानिक प्रयोगों के साथ-साथ अंतरिक्ष जीवन के नए अनुभवों और सहयोग की मिसाल पेश कर रहा है — और भारत के शुभांशु शुक्ला इस मिशन का अहम हिस्सा बन चुके हैं।