
श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट सीरीज गंवाने के बाद बांग्लादेश के टेस्ट कप्तान नजमुल हुसैन शांतो ने बड़ा कदम उठाते हुए अचानक टीम की कमान छोड़ दी है। क्रिकेट जगत को यह फैसला चौंका देने वाला लगा क्योंकि यह घोषणा उन्होंने दौरे के बीच में ही की।
कोलंबो टेस्ट में पारी और 78 रन की हार के बाद शनिवार को शांतो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“मैं अब टेस्ट फॉर्मेट में कप्तान नहीं रहना चाहता. यह मेरा निजी फैसला है, जो मैंने टीम की बेहतरी को ध्यान में रखते हुए लिया है.”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह फैसला किसी हार की भावनात्मक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि सोच-समझकर लिया गया कदम है।
तीन कप्तानों की रणनीति पर सवाल
शांतो ने तीनों फॉर्मेट (टेस्ट, वनडे, टी20) में अलग-अलग कप्तानों को लेकर कहा कि यह टीम के लिए भ्रम की स्थिति पैदा करता है।
“मैं बोर्ड के किसी भी फैसले का सम्मान करूंगा, लेकिन मुझे लगता है कि तीन कप्तान समझदारी नहीं है।”
कैसा रहा कप्तानी का रिकॉर्ड?
- टेस्ट कप्तान कार्यकाल: नवंबर 2023 से
- कुल टेस्ट मैच: 14
- जीत: 4
- हार: 9
- ड्रॉ: 1
शांतो की कप्तानी में टीम की जीत का प्रतिशत कम रहा, लेकिन उनका व्यक्तिगत प्रदर्शन निखर कर सामने आया। कप्तान रहते हुए उनका बल्लेबाजी औसत 36.24 रहा, जबकि बिना कप्तानी के यह 29.83 था।
टेस्ट करियर और हालिया प्रदर्शन
- टेस्ट डेब्यू: 20 जनवरी 2017
- कुल टेस्ट रन: 2,189
- औसत: 32.64
- शतक: 7
- अर्धशतक: 5
दूसरे टेस्ट में शांतो ने पहली पारी में 8 और दूसरी पारी में 19 रन बनाए, जबकि श्रीलंका ने पथुम निसंका के 158 रन की बदौलत 458 रन का विशाल स्कोर खड़ा किया और बांग्लादेश को फॉलोऑन देकर आसानी से मैच जीत लिया।
नतीजा क्या रहा?
टेस्ट टीम की कप्तानी से अचानक हटने के फैसले ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं—क्या यह सिर्फ रणनीतिक बदलाव है या बांग्लादेश टीम के भीतर गहरे मतभेद का संकेत?
फिलहाल इतना तय है कि बांग्लादेश क्रिकेट में बदलाव का दौर चल रहा है, और इसकी अगली चाल पर सभी की नजरें टिकी होंगी।