
आयकर रिटर्न दाखिल करने का समय अब नजदीक आ गया है. आईटीआर दाखिल करने के लिए 7 तरह फॉर्म होते हैं. यानी अलग-अलग श्रेणी के टैक्सपेयर के लिए भिन्न-भिन्न फॉर्म. आमतौर पर दो फॉर्मों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है. आईटीआर-1 फॉर्म और आईटीआर-4 फॉर्म. इन्हें सहज और सुगम नाम से भी जाना जाता है. केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म आईटीआर-1 और आईटीआर-4 को नोटिफाइड कर दिया है. नौकरी करने वालों को आईटीआर-1 फॉर्म भरना होता है.
आयकर अधिनियम 1961 के अनुसार वेतनभोगी और स्व-रोजगार करने वाले सभी व्यक्तियों को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करना अनिवार्य है. आपकी आय के प्रकार या श्रेणी के आधार पर आपको नियत तिथि पर या उससे पहले उचित ITR फॉर्म भरकर आयकर रिटर्न दाखिल करना होता है. गलत फॉर्म का चुनाव करके अगर आईटीआर भर दी जाए तो वह अमान्य हो सकती है. नतीजन आपको दोबारा आईटीआर दाखिल करना होगा. इसलिए यह जानना बेहद जरूर है कि आपके लिए कौन सा आईटीआर फॉर्म निर्धारित है.
ITR1 या सहज फॉर्म
आईटीआर-1 फॉर्म उन लोगों के लिए है जिनकी कमाई प्रति वर्ष 50 लाख रुपये से कम है. यह कमाई सैलरी या पेंशन से हो सकती है. कमाई अदर सोर्सेस से हो सकती है. या एक घर की प्रॉपर्टी से कमाई हो सकती है. अगर खेती से 5000 रुपये की कमाई होती है तो यह फॉर्म आप भर सकते हैं. इस साल आईटीआर फॉर्म में एक बड़ा बदलाव यह है कि सेक्शन 112ए के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (एलटीसीजी) जमा करने के लिए आईटीआर-1 (सहज) दाखिल किया जा सकता है. हालांकि, इसकी शर्त यह है कि एलटीसीजी 1.25 लाख रुपये से अधिक नहीं होना चाहिए और आयकरदाता के पास कैपिटल गेन कैटेगरी के तहत कैरी फॉरवर्ड या सेट ऑफ करने के लिए कोई नुकसान नहीं हो. आईटीआर-1 फॉर्म का इस्तेमाल वे करदाता नहीं कर सकते हैं, जिन्हें गृह संपत्ति की बिक्री से या सूचीबद्ध इक्विटी और इक्विटी म्यूचुअल फंड से शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन हुआ हो.
ITR 4 फॉर्म या सुगम
आईटीआर 4 फॉर्म को सुगम भी बोलते हैं. यह व्यक्ति विशेष और एचयूएफ के लिए होता है, पार्टनरशिप फर्म (एलएलपी नहीं) चलाने वाले लोग भी इसे भरते हैं. यानी यह उन लोगों के लिए है जिनकी आय पेशे या बिजनेस से आती है और प्रिज़म्प्टिव टैक्सेशन स्कीम के तहत कवर होती है. शर्त यह है कि ये आय 50 लाख रुपये तक होनी चाहिए. जिनका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 112A के तहत 1.25 लाख रुपये तक है, उन्हें भी यह फॉर्म भरना होता है. इनकम टैक्स की धारा 44एडी और 44एई के तहत इनकम होती है तो यह फॉर्म भरना होता है. सैलरी या पेंशन से 50 लाख रुपये से ज्यादा की कमाई होने पर ITR 4 फॉर्म भर सकते हैं. अगर आप फ्रीलांसर हों और सालाना कमाई 50 लाख से ज्यादा है तो फॉर्म 4 भर सकते हैं.