
पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर के पाहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए हैं. इसके तहत भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 से चली आ रही सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर रोक लगा दिया है. इसके अलावा सरकार ने जम्मू-कश्मीर के बगलीहार डैम से चिनाब नदी का पानी भी रोक दिया है. अब उत्तर कश्मीर में स्थित किशनगंगा डैम पर भी इसी तरह की कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.
क्या है सिंधु जल संधि?
भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि साल 1960 में हुई थी. इस समझौते में विश्व बैंक ने मध्यस्थता की थी. उस समय भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने इस पर दस्तखत किए थे.
इस संधि के तहत दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों का पानी बांटने का नियम तय हुआ था. यह संधि अब तक तीन युद्धों (1965, 1971 और 1999) के बाद भी चलती रही थी. लेकिन अब भारत ने इस संधि को अनिश्चित समय के लिए रोक दिया है.
क्यों लिया गया ये फैसला?
भारत ने यह फैसला पाकिस्तान से आए आतंकवाद के खिलाफ लिया है. पाहलगाम में हुआ हमला इसका कारण बना. भारत का मानना है कि ये आतंकी हमले पाकिस्तान की जमीन से संचालित आतंकी संगठनों द्वारा किए जाते हैं, और पाकिस्तान उन्हें रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा. भारत अब इस बात का साफ संदेश देना चाहता है कि वह सिर्फ बातों या निंदा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि आतंक के खिलाफ हर मोर्चे पर सख्त कदम उठाएगा.
बगलीहार डैम को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच पहले भी विवाद होता रहा है. पाकिस्तान इस परियोजना को लेकर पहले विश्व बैंक में आपत्ति दर्ज करा चुका है. वहीं किशनगंगा डैम को लेकर भी पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चुनौती दी थी. यह डैम झेलम नदी की सहायक नीलम नदी पर बना है. पाकिस्तान का आरोप था कि यह डैम उसकी जल आपूर्ति को प्रभावित कर सकता है.