
Bada Mangal Ke Upay 2025: इस साल का दूसरा बड़ा मंगल व्रत आज है. बड़ा मंगल को बुढ़वा मंगल भी कहते हैं. आज के दिन व्रत रखकर हनुमान जी की पूजा करते हैं. वीर बजरंगबली को लाल फूल, अक्षत्, सिंदूर, धूप, दीप, नैवेद्य, मौसमी फल, लाल रंग की लंगोट आदि अर्पित करते हैं. विशेष मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए चमेली के तेल और सिंदूर का चोला चढ़ाया जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट के अनुसार, बड़ा मंगल के दिन इंद्र योग और धनिष्ठा नक्षत्र है. आज के दिन द्विपुष्कर योग भी बना था, जो सुबह 05:28 ए एम से 05:51 ए एम के बीच था. यदि आपके जीवन में कोई बड़ा संकट है या कोई ऐसा काम है, जो पूरा नहीं हो पा रहा है तो बड़ा मंगल के दिन बजरंग बाण का उपाय करें. बजरंग बाण का पाठ विधि विधान से करने पर सभी संकट मिटते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं. आइए जानते हैं बड़ा मंगल पर बजरंग बाण पाठ की विधि और महत्व के बारे में.
बड़ा मंगल का उपाय
आज जब आप हनुमान जी की पूजा करें तो बजरंग बाण का पाठ करें. यह पाठ करने से व्यक्ति के सभी दुख, दरिद्रता, कष्ट आदि मिट जाते हैं. बजरंग बाण का पाठ करने से पूर्व आप स्नान आदि से निवृत हो जाएं और उसके बाद लाल रंग का साफ कपड़ा पहनें. फिर किसी हनुमान मंदिर में जाकर या फिर घर पर ही पूजा स्थान पर बजरंग बाण का पाठ करें.
बजरंग बाण पाठ की विधि
- सबसे पहले पूजा स्थान पर या मंदिर हनुमान जी की पंचोपचार पूजन करें.
- फिर हनुमान जी को उनके प्रिय भोग लड्डू, बूंदी, बेसन के लड्डू, केला आदि चढ़ाएं.
- इसके बाद एक आसन बिछा लें. वो कंबल का हो या कुश हो. उस पर बैठकर बजरंग बाण पाठ का प्रारंभ करें.
- इससे पूर्व हनुमान जी को स्मरण करके पाठ करें.
- बजरंग बाण का पाठ 5, 7, 9 या 11 बार कर सकते हैं.
बजरंग बाण पाठ करने के फायदे
- जीवन में सुख-समृद्धि और उन्नति की प्राप्ति के लिए बजरंग बाण पाठ करना चाहिए.
- यदि आपको कोई रोग है या फिर कुंडली में मंगल दोष है तो बजरंग बाण पाठ करने से उससे मुक्ति मिल सकती है.
- आप अपने किसी दुश्मन पर जीत हासिल करना चाहते हैं तो बजरंग बाण का पाठ करें.
- कठिन कार्यों में सफलता पाने के लिए भी बजरंग बाण का पाठ करते हैं. काम में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं.
- यदि आपको नकारात्मक शक्तियों से भय रहता है तो आपको भी बजरंग बाण पाठ करना चाहिए.
बजरंग बाण पाठ
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥