अहमदाबाद विमान हादसा: 215 पीड़ितों की डीएनए से पहचान, 198 शव परिजनों को सौंपे गए

  • June 20, 2025
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अहमदाबाद – एयर इंडिया की लंदन जाने वाली फ्लाइट AI-171 के भीषण विमान हादसे में अब तक 215 मृतकों की पहचान डीएनए जांच से हो चुकी है, जबकि 198 शवों को उनके परिजनों को सौंप दिया गया है। यह हादसा 12 जून को हुआ था, जिसमें कुल 241 लोगों की जान चली गई थी

अहमदाबाद सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी ने 20 जून को बताया,

“215 डीएनए नमूनों का मिलान सफल रहा है। इनमें से 198 मृतकों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। इन मृतकों में 149 भारतीय, 32 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और 1 कनाडाई नागरिक शामिल हैं।”

डॉ. जोशी ने यह भी जानकारी दी कि 183 शवों को सड़क मार्ग से उनके गृहनगर भेजा गया, जबकि 15 शवों को हवाई मार्ग से अंतिम गंतव्य तक पहुंचाया गया।


हादसे में एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति ने भाई को दी अंतिम विदाई

इस भयावह हादसे के इकलौते जीवित बचे व्यक्ति 40 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वाश कुमार रमेश हैं। उन्होंने 18 जून को अपने छोटे भाई अजय रमेश का अंतिम संस्कार किया, जिसकी पहचान डीएनए टेस्ट के ज़रिए की गई थी।

अस्पताल से छुट्टी मिलने के एक सप्ताह बाद, विश्वाश कुमार अपने भाई के पार्थिव शरीर को दीव स्थित श्मशान घाट ले गए, जहां उन्होंने परिवार के साथ अंतिम विदाई दी।

उन्होंने हादसे की भयानक रात को याद करते हुए कहा,

“मैं फ्लाइट में सीट 11A पर था। जब हादसा हुआ, मैंने देखा कि विमान का एक दरवाज़ा टूटा हुआ है। मैंने खुद से कहा – ‘मैं बाहर निकल सकता हूं।’ और जैसे-तैसे, मैं बाहर निकलने में कामयाब रहा।”


हादसे की पृष्ठभूमि

यह दर्दनाक हादसा 12 जून को तब हुआ जब एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर, जो लंदन के लिए रवाना हुआ था, टेकऑफ के कुछ ही पल बाद अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया।

इस घटना के बाद पुलिस और आपदा राहत दल ने शवों की पहचान और डीएनए मिलान में दिन-रात एक कर दिए। पुलिस आयुक्त जीएस मलिक के अनुसार, अब तक 222 पीड़ितों की पहचान हो चुकी है, जिनमें से 214 की डीएनए द्वारा पुष्टि हुई है, जबकि 8 की पहचान बिना डीएनए के हुई।


विस्तृत जांच जारी

इस भीषण हादसे की विस्तृत जांच अब भी जारी है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, टेक्निकल फेल्योर और संभावित मानवीय चूक दोनों को जांच के दायरे में लिया गया है।

सरकार और नागरिक उड्डयन विभाग ने सुरक्षा मानकों की समीक्षा के निर्देश दे दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी से बचा जा सके।