10 साल का श्रवण सिंह कैसे बना भारतीय सेना का हीरो? यहां पढ़िए पूरी कहानियां…

  • May 28, 2025
  • 0
  • 262 Views
RAJASTHAN NEWS

Operation Sindoor News: राजस्थान के पाकिस्तान सीमा से सटे एक छोटे से गांव में भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कुछ ऐसा हुआ, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया. इस सीमावर्ती गांव का एक 10 साल का बच्चा, नाम- श्रवण सिंह, देशभक्ति और सेवा भावना की मिसाल बन गया. जब ऑपरेशन सिंदूर के तहत सेना ने गांव के पास अपना अग्रिम मोर्चा बनाया, तब श्रवण ने सैनिकों की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी.

तेज धूप में सैनिकों को पिलाता था पानी, दूध, लस्सी
धूप में तैनात जवानों को देखकर श्रवण ने अपने घर से पानी, दूध, लस्सी और बर्फ लाकर उन्हें राहत देने का बीड़ा उठाया. वह रोजाना खेतों से होकर मोर्चे तक जाता और अपने छोटे हाथों से जवानों को पेय पदार्थ और भोजन पहुंचाता. तनावपूर्ण हालातों और गोलियों की गूंज के बावजूद उसका साहस और समर्पण डगमगाया नहीं. इस बालक का उद्देश्य साफ था- सेना के जवानों को आराम और अपनापन महसूस कराना.

सेना ने श्रवण के कार्य को किया सम्मानित
भारतीय सेना ने श्रवण के इस अद्भुत साहस और निस्वार्थ सेवा को गंभीरता से लिया. गोल्डन ऐरो डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग (जीओसी) ने स्वयं श्रवण को स्मृति चिन्ह और विशेष पुरस्कार देकर सम्मानित किया. यह सम्मान केवल एक प्रतीक नहीं था, बल्कि उस भावना का आदर था जो देश के प्रति समर्पित होती है- चाहे वह किसी भी उम्र का नागरिक क्यों न हो.

श्रवण सिंह की यह कहानी यह दर्शाती है कि देशभक्ति केवल वर्दी पहनने वालों तक सीमित नहीं होती. एक छोटे बालक ने यह सिद्ध कर दिया कि जब बात देश की सेवा की हो, तो उम्र केवल एक संख्या है. आज श्रवण न केवल अपने गांव का, बल्कि पूरे देश का गौरव बन गया है. उसकी इस प्रेरणादायक पहल ने यह साबित कर दिया है कि असली हीरो वही होते हैं जो निस्वार्थ भाव से देश के लिए कुछ कर गुजरते हैं.