बिहार के 4.96 करोड़ वोटरों को नहीं देने होंगे डॉक्युमेंट! जानिए EC के इस बड़े फैसले की पूरी डिटेल

  • June 30, 2025
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बिहार विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट अपडेट को लेकर बड़ा ऐलान किया है। अब राज्य के 4.96 करोड़ वोटरों को अपने नाम की पुष्टि के लिए कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। यह फैसला स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) के तहत लिया गया है।


2003 की वोटर लिस्ट बनी आधार

ECI ने 2003 की वोटर लिस्ट को वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। जिनका नाम उस लिस्ट में पहले से मौजूद है, उन्हें बस अपनी जानकारी मिलानी है और एक एन्यूमरेशन फॉर्म भरना होगा। किसी भी अन्य डॉक्युमेंट की जरूरत नहीं होगी।


बच्चों को भी नहीं देने होंगे पेरेंट्स के डॉक्युमेंट

अगर किसी नए वोटर का नाम 2003 की लिस्ट में नहीं है, लेकिन उसके माता-पिता का नाम है, तो वह उसी का एक्सट्रैक्ट दिखाकर अपना नाम जुड़वा सकता है। उसे केवल अपना फॉर्म और जरूरी दस्तावेज देने होंगे।


घर-घर जाकर हो रही जांच

इस बार BLO (बूथ लेवल ऑफिसर) हर घर जाकर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। खास बात यह है कि अब हर वोटर को खुद का एन्यूमरेशन फॉर्म भरना होगा, पहले की तरह परिवार का मुखिया यह काम नहीं करेगा।


विपक्ष का आरोप, सरकार की सफाई

कांग्रेस, आरजेडी, टीएमसी और वामपंथी दलों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि चुनाव से पहले सरकार वोटर लिस्ट से लोगों को बाहर करने की कोशिश कर रही है। जबकि आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया पारदर्शी और पुरानी लिस्ट पर आधारित है।


2003 के बाद जुड़े वोटरों के लिए जरूरी होंगे डॉक्युमेंट

जो वोटर 1 जनवरी 2003 के बाद लिस्ट में जुड़े हैं, उन्हें अपनी नागरिकता का सबूत देना होगा। इसके लिए मान्य डॉक्युमेंट्स में शामिल हैं:

  • पासपोर्ट
  • जन्म प्रमाण पत्र
  • 2003 की लिस्ट में माता-पिता का नाम
  • SC/ST सर्टिफिकेट
  • पेंशन ऑर्डर
  • स्थायी निवास प्रमाण पत्र
  • जमीन का अलॉटमेंट सर्टिफिकेट
  • फैमिली रजिस्टर
  • एनआरसी एंट्री (जहां लागू हो)

निष्कर्ष:

ECI का यह फैसला लाखों वोटरों के लिए राहत लेकर आया है। यह प्रक्रिया न सिर्फ आसान बनी है, बल्कि पारदर्शिता के साथ नए वोटरों को भी जोड़ने का रास्ता खुला है। चुनाव के पहले यह अपडेट हर मतदाता के लिए जानना जरूरी है।