India-US Trade Deal पर बढ़ी हलचल! 9 जुलाई से पहले हो सकती है बड़ी घोषणा, लेकिन अटका है ये पेंच

  • June 30, 2025
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भारत और अमेरिका के बीच एक अहम व्यापार समझौता 9 जुलाई से पहले हो सकता है, लेकिन कई मुद्दों पर अभी भी बातचीत अटकी हुई है। मामला सिर्फ कागजी करार का नहीं, बल्कि भारत के किसानों, छोटे व्यापारियों और अर्थव्यवस्था के भविष्य का है।

ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत पर असर

जब डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी राष्ट्रपति पद संभाला, तो उन्होंने ग्लोबल ट्रेड पर ‘टैरिफ बम’ फोड़ दिया। भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। 9 अप्रैल को अमेरिका ने भारत पर 26% तक टैरिफ लगाने की घोषणा की, हालांकि 90 दिनों की मोहलत दी गई—जो अब 9 जुलाई को खत्म होने जा रही है।

क्या है ट्रेड डील का मकसद?

इस डील के ज़रिए तय किया जाएगा कि भारत और अमेरिका एक-दूसरे के सामान पर कितना टैक्स लगाएंगे। अमेरिका का दावा है कि भारत उनके सामान पर भारी टैक्स लगाता है, जिससे अमेरिकी कंपनियों को नुकसान हो रहा है। वहीं भारत का पक्ष है कि वो अपने किसानों और छोटे व्यापारियों के हितों से समझौता नहीं कर सकता।

कहां फंसा है पेंच?

  1. डेयरी और एग्रीकल्चर प्रोडक्ट्स: अमेरिका चाहता है कि भारत दूध, पिस्ता, बादाम, मक्का और गेहूं पर टैक्स घटाए, लेकिन भारत मानने को तैयार नहीं। इससे उसके किसानों को सस्ते अमेरिकी प्रोडक्ट्स से नुकसान होगा।
  2. ईकॉमर्स में डायरेक्ट एंट्री: अमेरिका चाहता है कि Amazon और Walmart जैसी कंपनियों को भारत में सीधे बिक्री की इजाजत दी जाए, लेकिन इससे भारत के MSME और रिटेल सेक्टर पर असर पड़ सकता है।

भारत के लिए क्यों जरूरी है यह डील?

अगर 9 जुलाई तक कोई हल नहीं निकला, तो भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव और व्यापार में रुकावटें आ सकती हैं। मौजूदा $191 अरब के द्विपक्षीय व्यापार को 2030 तक $500 अरब पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, और यह डील इस दिशा में अहम कदम हो सकती है।


निष्कर्ष:
ट्रेड डील सिर्फ एक कारोबारी समझौता नहीं, बल्कि भारत और अमेरिका के रिश्तों, किसानों, व्यापारियों और निवेशकों के लिए एक बड़ी परीक्षा है। 9 जुलाई तक क्या हल निकलेगा—इस पर सबकी नजर टिकी है।