
द्विपक्षीय संबंधों में नया अध्याय
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2025 में हुई क्रोएशिया यात्रा को भारत की विदेश नीति के एक ऐतिहासिक पड़ाव के रूप में देखा जा रहा है। यह पहली बार है जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने क्रोएशिया की आधिकारिक यात्रा की है। इस दौरे के ज़रिए दोनों देशों ने न केवल अपने ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्तों को और मजबूत किया, बल्कि व्यापार, निवेश, रक्षा और विज्ञान-तकनीक के क्षेत्र में नए रास्ते भी खोले।
क्रोएशिया के राष्ट्रपति और पीएम से मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत क्रोएशिया की राजधानी ज़ाग्रेब में भव्य राजकीय सम्मान के साथ हुआ। उन्होंने क्रोएशिया के राष्ट्रपति ज़ोरान मिलानोविच और प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविक से द्विपक्षीय वार्ताएं कीं। इन बैठकों में प्रमुख फोकस भारत-क्रोएशिया रणनीतिक साझेदारी को गहराने पर रहा। दोनों देशों के बीच पांच महत्वपूर्ण समझौते भी हस्ताक्षरित किए गए, जिनमें शिक्षा, पर्यटन, समुद्री सहयोग, रक्षा तकनीक और डिजिटल इनोवेशन शामिल हैं।
संस्कृति और विरासत की साझी पहचान
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ाग्रेब में आयोजित ‘भारत-क्रोएशिया सांस्कृतिक समारोह’ में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने कहा कि “भारत और क्रोएशिया के बीच सांस्कृतिक धरोहर एक मजबूत सेतु का काम करती है। दोनों देशों के लोगों के दिलों को जोड़ने में संगीत, नृत्य और योग जैसे पहलू अहम भूमिका निभा सकते हैं।”
इस अवसर पर भारत की ओर से पारंपरिक नृत्य और संगीत प्रस्तुतियां दी गईं, जिन्हें स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय ने खूब सराहा। पीएम मोदी ने ज़ाग्रेब यूनिवर्सिटी में संस्कृत विभाग की सराहना करते हुए वहां की लाइब्रेरी को भारतीय ग्रंथों की एक विशेष श्रृंखला भेंट की।
व्यापार और निवेश को मिलेगा बढ़ावा
इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी के साथ आए भारतीय उद्योगपतियों और स्टार्टअप प्रतिनिधियों ने क्रोएशिया के निवेशकों के साथ व्यापक बातचीत की। दोनों देशों ने व्यापारिक बाधाओं को दूर कर नए निवेश अवसरों पर काम करने पर सहमति जताई। रक्षा उत्पादन, फार्मास्युटिकल, आईटी, और ग्रीन एनर्जी जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “भारत का मजबूत बाजार और क्रोएशिया की यूरोपीय संघ की सदस्यता, दोनों मिलकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को एक नई दिशा दे सकते हैं।”
समुद्री सुरक्षा और रणनीतिक सहयोग
भारत और क्रोएशिया ने समुद्री सुरक्षा, ब्लू इकोनॉमी और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सहयोग पर भी चर्चा की। क्रोएशिया की समुद्री शक्ति और भारत की रणनीतिक उपस्थिति को मिलाकर दोनो देशों ने हिंद महासागर से लेकर भूमध्य सागर तक साझा हितों पर सहमति जताई।
भारतीय समुदाय के साथ संवाद
प्रधानमंत्री मोदी ने ज़ाग्रेब में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात की। उन्होंने वहां मौजूद भारतीय छात्रों, प्रोफेशनल्स और प्रवासी परिवारों से संवाद करते हुए कहा कि “आप सभी भारत के सांस्कृतिक राजदूत हैं। आपकी मेहनत और योगदान दोनों देशों के बीच सेतु का काम कर रहे हैं।”
इस अवसर पर उन्होंने भारतीय समुदाय को आश्वासन दिया कि भारत सरकार दुनिया में कहीं भी रहने वाले भारतीयों की सुरक्षा और हितों के लिए हमेशा सजग है।
दौरे की वैश्विक प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री मोदी की क्रोएशिया यात्रा को वैश्विक स्तर पर काफी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली। यूरोपीय मीडिया ने इसे भारत की एक्ट ईस्ट और एक्ट यूरोप नीति का विस्तार बताया। क्रोएशिया के विशेषज्ञों ने इसे दोनों देशों के लिए “नई शुरुआत और सुनहरे अवसर” की संज्ञा दी है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री मोदी की यह ऐतिहासिक क्रोएशिया यात्रा भारत की वैश्विक कूटनीति का एक प्रभावशाली उदाहरण बनकर सामने आई है। इस दौरे ने केवल द्विपक्षीय सहयोग को गति नहीं दी, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत अपने मित्र देशों के साथ बहुआयामी संबंधों को लेकर कितना गंभीर और प्रतिबद्ध है। भारत-क्रोएशिया संबंधों का यह नया अध्याय आने वाले वर्षों में द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूती देगा।