
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए दर्दनाक आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हमले में आतंकियों ने धार्मिक पहचान के आधार पर पर्यटकों को निशाना बनाया और 26 लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी. घटना के बाद देशभर में गुस्से का माहौल है. मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंपी गई, जिसकी शुरुआती रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी और इसे अंजाम देने में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की अहम भूमिका थी. सूत्रों के मुताबिक, हमला लश्कर-ए-तैयबा द्वारा अंजाम दिया गया, लेकिन इसकी प्लानिंग ISI के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा की गई थी. पूरी साजिश लश्कर के पाकिस्तान स्थित मुख्यालय में रची गई.
हमले में शामिल थे पाकिस्तानी आतंकी
NIA की जांच में सामने आया है कि इस आतंकी हमले को अंजाम देने वाले दो मुख्य आतंकी – हाशमी मूसा उर्फ सुलैमान और अली भाई उर्फ तल्हा भाई – पाकिस्तानी नागरिक हैं. पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि ये दोनों आतंकी लगातार पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स से संपर्क में थे और उन्हें समय, स्थान और रणनीति को लेकर विशेष निर्देश मिलते रहे.
जांच में पता चला है कि हमले से कई सप्ताह पहले ही ये आतंकी भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर चुके थे. इन्हें यहां एक नेटवर्क के जरिये मदद मिली, जिन्हें ‘ओवर ग्राउंड वर्कर’ (OGWs) कहा जाता है. ये OGWs आतंकियों को ठिकाने, रास्तों की जानकारी, और इलाके की रेकी करने में मदद कर रहे थे.
सबूत जुटाने में जुटी NIA
NIA ने हमले से जुड़े कई सबूत जुटाए हैं, जिनमें 40 से ज्यादा कारतूस, मोबाइल टॉवर से मिला डंप डेटा, और हमले वाली जगह की 3D मैपिंग शामिल है. बाइसारन इलाके में हमले से पहले सैटेलाइट फोन की गतिविधियों में तेजी देखी गई थी. कम से कम तीन सैटेलाइट फोन उस समय सक्रिय थे, जिनमें से दो की लोकेशन और कॉल डिटेल्स का विश्लेषण किया जा चुका है.
अब तक सुरक्षा एजेंसियों ने 2,800 से अधिक लोगों से पूछताछ की है. 150 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लेकर आगे की जांच की जा रही है. इनमें से कई लोगों के संबंध जमात-ए-इस्लामी और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के विभिन्न गुटों से जुड़े पाए गए हैं.
आतंकी मददगारों की तलाश जारी
NIA ने कुपवाड़ा, पुलवामा, अनंतनाग, बारामूला और सोपोर सहित कई इलाकों में छापेमारी की है. इन छापों का मकसद उन लोगों को पकड़ना है जो सीमा पार से चल रहे आतंकी नेटवर्क को स्थानीय स्तर पर सहायता पहुंचा रहे हैं. पूर्व आतंकी और IC-814 हाईजैक केस में शामिल मुश्ताक अहमद जरगर उर्फ लटरूम के श्रीनगर स्थित घर पर भी तलाशी ली गई है. 2023 में यह मकान पहले ही UAPA के तहत अटैच किया जा चुका है.
NIA ने हमलावरों की मूवमेंट जानने के लिए क्षेत्र में लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली है. साथ ही स्थानीय चश्मदीद गवाहों जैसे कि पर्यटकों के परिवार, टट्टू संचालक और फूड वेंडर्स के बयान दर्ज किए गए हैं. कई गवाहों ने बताया कि आतंकियों के पास बॉडी कैमरा था, जिससे लगता है कि हमले की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की गई हो सकती है.
रिपोर्ट के अनुसार, आतंकी 15 अप्रैल के आसपास पहलगाम पहुंचे थे और उन्होंने बाइसारन, अरु वैली, बीटा वैली और एक एम्यूजमेंट पार्क समेत चार स्थानों की रेकी की थी. अंत में उन्होंने बाइसारन को इसलिए चुना क्योंकि वहां सुरक्षा व्यवस्था अपेक्षाकृत कमजोर थी.