
इंदौर का रहने वाला एक नौजवान राजा रघुवंशी, कुछ ही हफ्तों पहले सात फेरे लेकर अपनी नई ज़िंदगी की शुरुआत करता है। शादी के बाद वो और उसकी पत्नी सोनम हनीमून मनाने मेघालय जाते हैं। लेकिन ये हनीमून एक भयावह मोड़ ले लेता है, जब राजा की लाश एक खाई में पाई जाती है, और उसकी पत्नी गायब हो जाती है।
यह घटना जितनी दर्दनाक है, उतनी ही रहस्यमयी भी। 11 मई 2025 को दोनों की शादी हुई थी, और उसके बाद 23 मई को दोनों अचानक गायब हो गए। परिवार ने जब बार-बार संपर्क करने की कोशिश की, तो फोन बंद आने लगा। दस दिन बाद राजा की लाश शिलॉन्ग के रियात अर्लियांग इलाके के पास एक गहरी खाई में मिली। उसके पास एक चाकू बरामद हुआ, जिसे हत्या का हथियार माना गया।
इस मामले ने तब और सनसनी फैला दी जब सोनम, जो उस वक्त तक फरार थी, 9 जून को गाजीपुर के नंदगंज थाने में खुद सरेंडर कर देती है। जांच में सामने आया कि सोनम ने अपने पति की हत्या की साजिश पहले से रची थी। आरोप है कि उसने अपने कथित प्रेमी के लिए राजा को रास्ते से हटवाया और हत्या की सुपारी तीन युवकों को दी।
इस हत्याकांड की तुलना लोग 1980 में आई फिल्म ‘कर्ज़’ से कर रहे हैं, जिसमें प्रेम और विश्वासघात की एक दर्दनाक कहानी थी। फर्क बस इतना है कि यह फिल्म नहीं, हकीकत है।
मेघालय पुलिस ने सोनम के अलावा चार और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से दो इंदौर, एक सागर और एक ललितपुर से पकड़े गए हैं। सभी को गाजीपुर से शिलॉन्ग ले जाया गया, जहां अदालत ने 72 घंटे की ट्रांजिट रिमांड मंजूर की है।
यह मामला केवल एक हत्या नहीं है, यह उस भरोसे का कत्ल है जो दो लोगों के बीच सबसे मजबूत रिश्ता बनाता है—विवाह। अब यह देखना बाकी है कि कानूनी प्रक्रिया में आगे क्या होता है, लेकिन इस घटना ने सोशल मीडिया से लेकर जनमानस तक को झकझोर कर रख दिया है।
राजा की मौत अब सिर्फ एक केस नहीं, बल्कि एक सवाल बन गई है—क्या हम वाकई अपनों को पहचान पाते हैं?