
रामनगरी अयोध्या आज एक बार फिर आस्था और उल्लास से गूंजेगी, जब भगवान जगन्नाथ की भव्य रथयात्रा शहर की सड़कों पर निकलेगी। हर साल की तरह इस बार भी 10 प्रमुख मंदिरों से रथयात्रा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण पर निकलकर भक्तों को दर्शन देंगे।
जगन्नाथ पुरी की तर्ज पर अयोध्या में वर्षों से चली आ रही इस परंपरा का निवर्हन पूरी भव्यता से किया जाता है। इस साल आषाढ़ शुक्ल चतुर्थी के बाद दस दिन के विश्राम और औषधीय उपचार के बाद भगवान गुरुवार को स्वस्थ घोषित हुए। मंदिर के पट खोल दिए गए हैं और विधि-विधान से श्रृंगार और पूजन के बाद आज उन्हें रथ पर विराजमान किया जाएगा।
महंत राघव दास ने जानकारी दी कि गुरुवार को पंचामृत अभिषेक के बाद भगवान का भव्य श्रृंगार हुआ और खिचड़ी का भोग लगाया गया। इसके बाद नगर में नाम संकीर्तन के साथ शोभायात्रा की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।
दशरथ महल, मणिराम दास की छावनी, चारधाम मंदिर समेत कई प्रमुख मंदिरों में रथयात्रा महोत्सव की रंगारंग तैयारियां हो चुकी हैं। बैंड-बाजों और जयघोष के साथ जब भगवान रथ पर निकलेंगे, तो आस्था की यह परंपरा एक बार फिर जीवंत हो उठेगी।
श्रीराम और भगवान जगन्नाथ के संबंध को लेकर जगद्गुरु रत्नेश प्रपन्नाचार्य बताते हैं कि लीला और युग भिन्न हो सकते हैं, परंतु श्रीराम, श्रीकृष्ण और जगन्नाथ अभिन्न हैं। यही भावना रामनगरी के प्राचीन मंदिरों—मणिराम दास छावनी, रामकचेहरी मंदिर और जगन्नाथ मंदिर में स्थापित मूर्तियों में सजीव रूप लेती है।