Israel-Iran Conflict LIVE: भारत के निकासी आह्वान पर ईरान की तीखी प्रतिक्रिया

  • June 16, 2025
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मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव, भारत ने जारी की एडवाइजरी
इजराइल और ईरान के बीच जारी युद्ध की स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता की लहर पैदा कर दी है। भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों के लिए निकासी एडवाइजरी जारी की है, जिसमें तत्काल प्रभाव से भारतीय नागरिकों को ईरान छोड़ने की सलाह दी गई है। इस कदम के जवाब में ईरान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे अनावश्यक व राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है।

ईरान ने भारत की एडवाइजरी को बताया ‘घबराहट भरा कदम’
ईरान के विदेश मंत्रालय ने भारत द्वारा जारी की गई एडवाइजरी पर कड़ी आपत्ति जताई है। ईरानी प्रवक्ता नासिर कनानी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा,

“भारत जैसे परिपक्व और समझदार देश से हमें ऐसी घबराहट भरी प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं थी। ईरान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और हम भारत के नागरिकों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने में सक्षम हैं।”
ईरान का यह बयान तब आया जब भारत के विदेश मंत्रालय ने कुछ ही घंटे पहले अपने नागरिकों को ईरान न जाने और वहां रह रहे भारतीयों को जल्द से जल्द लौटने की सलाह दी थी।

क्या है युद्ध का ताज़ा घटनाक्रम?
इजराइल और ईरान के बीच तनाव इस हद तक पहुंच गया है कि हाल के दिनों में तेल अवीव और तेहरान के आसपास कई मिसाइल हमले हुए हैं। इजराइल ने दावा किया है कि उसने ईरान की कई मिसाइलों को इंटरसेप्ट किया है, जबकि ईरान ने भी अपने डिफेंस सिस्टम को हाई अलर्ट पर रखा है। यह संघर्ष अब केवल सीरिया या लेबनान तक सीमित नहीं रहा, बल्कि दोनों देशों के बीच सीधा टकराव होता दिखाई दे रहा है।

भारत का रुख: अपने नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि
भारत ने हमेशा से अपनी विदेश नीति में “First Citizen, Then Diplomacy” की नीति को अपनाया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,

“ईरान और इजराइल के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह फैसला किया गया है कि वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को तत्काल प्रभाव से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए या देश वापसी की प्रक्रिया शुरू की जाए। हमारा यह कदम केवल मानवीय चिंता पर आधारित है, इसमें किसी राजनीतिक उद्देश्य की बात नहीं है।”
भारत ने ईरान में मौजूद अपने दूतावास को पूरी सतर्कता बरतने और निकासी योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं।

भारतीयों में बढ़ी चिंता, तेहरान में अफरा-तफरी
ईरान की राजधानी तेहरान और अन्य प्रमुख शहरों में रह रहे भारतीय प्रवासी छात्र, कामगार और व्यापारी समुदाय में भारी चिंता देखी जा रही है। भारत सरकार की एडवाइजरी के बाद कई भारतीय दूतावास में संपर्क कर रहे हैं और निकासी की प्रक्रिया के बारे में जानकारी ले रहे हैं।
एक भारतीय छात्र, जो तेहरान विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा है, ने बताया,

“स्थिति दिन-ब-दिन तनावपूर्ण होती जा रही है। हवाई हमलों की आशंका के चलते हम छात्र हॉस्टल्स में ही रहने को मजबूर हैं। भारत सरकार की एडवाइजरी राहत जरूर है, पर सवाल यह है कि हमें वहां से बाहर कैसे निकाला जाएगा?”

क्या हो सकते हैं अगले कदम?
सरकारी सूत्रों के मुताबिक भारत सरकार एयर इंडिया और IAF के विशेष विमानों के ज़रिए “ऑपरेशन शांति” नाम से एक निकासी अभियान शुरू करने पर विचार कर रही है। यह वही प्रक्रिया होगी, जैसी यूक्रेन या अफगानिस्तान संकट के समय अपनाई गई थी। यदि हालात और बिगड़ते हैं तो भारत ईरान में रह रहे नागरिकों को ओमान या UAE के ज़रिए सुरक्षित रास्ते से निकाल सकता है।

कूटनीतिक चुनौतियाँ और अंतरराष्ट्रीय दबाव
भारत एक संतुलित विदेश नीति का पक्षधर रहा है। इजराइल के साथ उसकी रणनीतिक साझेदारी है, वहीं ईरान के साथ भी ऊर्जा, व्यापार और संस्कृति के गहरे संबंध हैं। इस स्थिति में भारत का किसी एक पक्ष के साथ दिखाई देना उसकी अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए जोखिम भरा हो सकता है। ऐसे में भारत के लिए सबसे बड़ी प्राथमिकता यही है कि वह अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाले और युद्ध में तटस्थ भूमिका बनाए रखे।

निष्कर्ष
इजराइल-ईरान संघर्ष की यह स्थिति न केवल क्षेत्रीय, बल्कि वैश्विक चिंता का विषय बन चुकी है। भारत ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर जो कदम उठाए हैं, वह मानवीय दृष्टिकोण से सही हैं, लेकिन कूटनीतिक रूप से यह कदम उसे आगे चलकर नई चुनौतियों की ओर भी ले जा सकता है। फिलहाल, दुनिया की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि क्या यह टकराव पूर्ण युद्ध का रूप लेगा या कूटनीति फिर से अपना रास्ता बनाएगी।