अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025: अगर योग से लगता है डर तो इन 10 आसान आसनों से करें बेफिक्र शुरुआत

  • June 20, 2025
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शुरुआत के लिए आसान और लाभकारी योगाभ्यास जो तन और मन को देगा नया जीवन

योग: डर नहीं, आत्मबल का जरिया
21 जून 2025 को एक बार फिर पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने जा रही है। योग आज एक ग्लोबल मूवमेंट बन चुका है, लेकिन इसके बावजूद बहुत से लोग इसे शुरू करने से झिझकते हैं। कई बार शरीर की जकड़न, लचीलापन न होना या यह डर कि “हमसे नहीं होगा”, लोगों को योग से दूर कर देता है। लेकिन सच्चाई ये है कि योग सिर्फ कठिन मुद्राओं का नाम नहीं, बल्कि यह एक ऐसी जीवनशैली है जिसमें छोटे और सरल कदम भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।

अगर आप भी योग करने से डरते हैं, तो आपको शुरुआत करनी चाहिए कुछ ऐसे आसान योग आसनों से जो न सिर्फ सीखने में सरल हैं, बल्कि शरीर और मन दोनों को आराम भी देते हैं।

योग की शुरुआत क्यों जरूरी है?
आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक तनाव, शरीर में जकड़न, पीठ दर्द, नींद न आना, मोटापा और एंग्जायटी जैसी समस्याएं आम होती जा रही हैं। योग इन सभी का समाधान है। ये सिर्फ एक्सरसाइज़ नहीं, बल्कि शरीर, श्वास और मन को एक लय में लाने की कला है।

जब डर हो योग का, तो शुरुआत हो सरल आसनों से
अगर आप योग के कठिन नामों और मुद्रा-परिवर्तन से डरते हैं, तो चिंता न करें। नीचे दिए गए कुछ ऐसे आसान योग आसन हैं जिनसे आप रोज़ाना 15 से 20 मिनट की प्रैक्टिस करके धीरे-धीरे योग की दुनिया में आत्मविश्वास के साथ कदम रख सकते हैं।

वज्रासन (वज्र मुद्रा में बैठना)
भोजन के बाद सिर्फ 5 मिनट वज्रासन में बैठना आपके पाचन तंत्र को बेहतर करता है। यह कमर और घुटनों को आराम देता है।

ताड़ासन (पर्वत जैसा तन)
यह आसन खड़े होकर किया जाता है और शरीर की लंबाई, संतुलन और शरीर के पोस्चर को सुधारने में सहायक होता है।

बालासन (बच्चे जैसी मुद्रा)
यह विश्राम देने वाला आसन है जो शरीर को शांति देता है, खासकर कमर दर्द और मानसिक तनाव को दूर करता है।

भुजंगासन (सर्प मुद्रा)
इस आसन से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और पीठ दर्द में आराम मिलता है। यह आत्मविश्वास भी बढ़ाता है।

सेतुबंधासन (पुल मुद्रा)
पीठ के बल लेटकर किया जाने वाला यह आसन रीढ़, घुटनों और छाती को खोलता है। यह थकान दूर करता है और हार्मोन्स को संतुलन में लाता है।

अनुलोम-विलोम (श्वास का संतुलन)
इस प्राणायाम को करने से नर्वस सिस्टम शांत होता है और मानसिक स्पष्टता बढ़ती है। इसे कहीं भी बैठकर किया जा सकता है।

शवासन (पूरी शांति की स्थिति)
यह सबसे सरल आसन है जिसमें बस लेटना होता है और शरीर को पूरी तरह ढीला छोड़ देना होता है। यह गहरी शांति का अनुभव कराता है।

त्रिकोणासन (तीर जैसा खिंचाव)
यह शरीर की लचक बढ़ाने, जांघों और कमर को मज़बूत करने वाला आसन है। इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है।

मर्कटासन (रीढ़ की लचीलापन के लिए)
पीठ के बल लेटकर घुटनों को एक तरफ मोड़ना और गर्दन दूसरी तरफ रखना — इससे पीठ और कमर का तनाव घटता है।

सुखासन (सुकून की मुद्रा)
योग की शुरुआत और अंत में किया जाने वाला यह आसन शरीर को ध्यान के लिए तैयार करता है। इसे करते हुए मेडिटेशन किया जा सकता है।

निष्कर्ष: हर डर के पीछे छिपी होती है नई शुरुआत
अगर आपको लगता है कि योग सिर्फ लचीले और अनुभवी लोगों के लिए है, तो दोबारा सोचिए। योग का मतलब ही है जोड़ — खुद से, अपने शरीर से और अपनी ऊर्जा से। जब आप इन आसान योग आसनों से शुरुआत करते हैं, तो धीरे-धीरे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, शरीर में स्फूर्ति आती है और मन में स्थिरता।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 आपके लिए एक नया आरंभ हो सकता है — एक स्वस्थ, शांत और संतुलित जीवन की ओर। तो इस बार डर को छोड़िए और योग को अपनाइए, क्योंकि ये केवल एक अभ्यास नहीं, एक नई जीवन दिशा है।