
गोरखपुर/आजमगढ़ — उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को बहुप्रतीक्षित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का औपचारिक उद्घाटन करेंगे। यह 91.35 किलोमीटर लंबा एक्सेस-कंट्रोल एक्सप्रेसवे पूर्वांचल की कनेक्टिविटी को नई गति देने वाला माना जा रहा है, जो दिल्ली, लखनऊ और आगरा जैसे प्रमुख शहरों से यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी लाएगा।
मुख्यमंत्री उद्घाटन समारोह के पहले चरण में आजमगढ़ के सलारपुर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे, इसके बाद वह एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते हुए गोरखपुर के छोर, भगवानपुर टोल प्लाजा तक जाएंगे, जहां दूसरे कार्यक्रम में शामिल होंगे और संबोधन देंगे।
परियोजना की विशेषताएं:
- लंबाई: 91.35 किमी
- शुरुआत: गोरखपुर के जैतपुर (NH-27 के पास)
- अंत: सलारपुर, आजमगढ़ (पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से संपर्क)
- गुजरने वाले जिले: गोरखपुर, संत कबीर नगर, अंबेडकर नगर, आजमगढ़
- कुल लागत: ₹7,283 करोड़ (भूमि अधिग्रहण सहित)
- सड़क चौड़ाई: 4 लेन (विस्तार योग्य 6 लेन तक)
- निर्माण एजेंसियां:
- पैकेज-1 (जैतपुर से फुलवरिया, 48.3 किमी) – APCO Infratech Pvt. Ltd.
- पैकेज-2 (फुलवरिया से सलारपुर, 43 किमी) – Dilip Buildcon Ltd.
यात्रा में भारी राहत:
एक्सप्रेसवे के चालू होने से अब गोरखपुर से पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के ज़रिए लखनऊ की यात्रा सिर्फ 3.5 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वहीं गोरखपुर से उरुवा की यात्रा अब 1 घंटे से घटकर 25 मिनट में पूरी होगी। इस परियोजना से दिल्ली और आगरा तक सड़क संपर्क भी तेज़ और सुरक्षित हो जाएगा।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम:
- सीएम योगी एक्सप्रेसवे पर यात्रा के दौरान कम्हरिया घाट पुल का निरीक्षण करेंगे।
- वे भगवानपुर टोल प्लाजा के पास एक पौधारोपण अभियान में भाग लेंगे और हरिशंकरी का पौधा लगाएंगे।
- यूपीडा (UPEDA) के सुरक्षा बेड़े को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा, जिसमें इनोवा, कैंपर, एंबुलेंस, क्रेन और हाइड्रा वाहन शामिल हैं।
- दौरे के अंत में योगी आदित्यनाथ कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे और दोनों उद्घाटन स्थलों पर प्रदर्शनी गैलरी देखेंगे।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: एक विकास की रेखा
यह परियोजना न केवल पूर्वांचल की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों से जोड़ने का काम करेगी, बल्कि आर्थिक गतिविधियों, लॉजिस्टिक्स, और रोजगार के अवसरों को भी गति देने वाली साबित होगी। योगी सरकार के इस मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को ‘डबल इंजन सरकार की विकास रफ्तार’ के रूप में देखा जा रहा है।