
ग्लोबल मंच से आतंकवाद पर पीएम मोदी का बड़ा संदेश
G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी की जोरदार उपस्थिति
कनाडा में चल रहे G7 शिखर सम्मेलन 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दुनिया के सामने आतंकवाद के खिलाफ भारत की मजबूत आवाज़ को प्रस्तुत किया। भारत, जो इस बार विशेष आमंत्रित राष्ट्र के तौर पर सम्मेलन में भाग ले रहा है, ने वैश्विक मुद्दों पर अपनी भूमिका को मजबूती से रखा।
पीएम मोदी ने सम्मेलन के दौरान पहलगाम में हुए ताज़ा आतंकी हमले पर दुख जताते हुए इसे केवल भारत पर नहीं, बल्कि पूरी मानवता पर हमला बताया। उनके इस बयान ने विश्व नेताओं का ध्यान जम्मू-कश्मीर में लगातार जारी आतंकी गतिविधियों की ओर आकर्षित किया।
पहलगाम में हमला, भारत में शोक की लहर
कुछ दिन पहले जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में कई निर्दोष नागरिकों की मौत हो गई, जिनमें स्थानीय नागरिकों के साथ पर्यटक भी शामिल थे।
यह हमला ऐसे समय में हुआ जब भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर और अधिक प्रभावी ढंग से रख रहा है। इसी क्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने G7 सम्मेलन में इस घटना का ज़िक्र करते हुए आतंकवाद के वैश्विक स्वरूप की ओर इशारा किया।
मोदी का कड़ा संदेश: “आतंकवाद को कोई पनाह नहीं”
पीएम मोदी ने कहा, “पहलगाम में हुआ हमला न केवल भारत की संप्रभुता पर हमला है, बल्कि यह पूरी मानवता पर सीधा वार है। आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, और इसे किसी भी तरह का समर्थन – चाहे प्रत्यक्ष हो या परोक्ष – पूरी दुनिया को अस्थिर करता है।”
उन्होंने G7 देशों से अपील की कि वे आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर साझा रणनीति बनाएं और उन देशों पर दबाव डालें जो आतंकवाद को प्रश्रय देते हैं। भारत ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है और यह आगे भी जारी रहेगी।
कनाडा में G7 सम्मेलन के प्रमुख मुद्दे
G7 कनाडा 2025 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन, वैश्विक आर्थिक स्थिरता, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की भूमिका, और भू-राजनीतिक संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। इन सब के बीच, भारत ने सुरक्षा और आतंकवाद को एक मुख्य चिंता के रूप में सामने रखा।
मोदी के भाषण के दौरान उपस्थित विश्व नेताओं – जैसे अमेरिका के राष्ट्रपति, फ्रांस के राष्ट्रपति, और जर्मनी के चांसलर – ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता व्यक्त की।
भारत का बढ़ता वैश्विक प्रभाव
G7 जैसे मंचों पर भारत की सक्रियता यह दर्शाती है कि देश अब न केवल एक उभरती हुई आर्थिक शक्ति है, बल्कि वैश्विक नीति निर्धारण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी के स्पष्ट और मजबूती से रखे गए विचारों ने यह साबित कर दिया कि भारत अब वैश्विक सुरक्षा और शांति में एक निर्णायक भूमिका चाहता है।
भारत की साख केवल दक्षिण एशिया तक सीमित नहीं रही। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो, या इज़रायल-ईरान संघर्ष, भारत ने हर बार तटस्थ, शांतिपूर्ण और संतुलनपूर्ण रुख अपनाते हुए वैश्विक समाधान की बात की है।
आम जनता से जुड़ाव और संवेदनशीलता
पीएम मोदी ने अपने भाषण में पहलगाम हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार शहीदों के परिवारों के साथ खड़ी है और आतंकियों को उचित दंड दिया जाएगा।
इस संवेदनशील बयान ने दर्शाया कि प्रधानमंत्री केवल कूटनीतिक भाषा नहीं बोलते, बल्कि आम लोगों की भावनाओं और पीड़ा को भी अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुँचाते हैं।
निष्कर्ष: वैश्विक सहयोग से ही आतंकवाद का समाधान संभव
भारत का यह रुख कि आतंकवाद केवल किसी एक देश की समस्या नहीं, बल्कि यह वैश्विक संकट है – आज पहले से कहीं ज़्यादा प्रासंगिक हो गया है। पीएम मोदी ने G7 जैसे प्रभावशाली मंच से जो संदेश दिया, वह केवल भारत नहीं, बल्कि समूचे विश्व के लिए चेतावनी और आह्वान दोनों है।
अगर दुनिया को शांति और स्थायित्व की ओर ले जाना है, तो आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता अनिवार्य है। भारत ने इस दिशा में न केवल शब्दों, बल्कि कार्यों से भी मिसाल पेश की है। अब देखना यह है कि क्या दुनिया के बड़े राष्ट्र इस चुनौती का सामना साथ मिलकर करने को तैयार हैं।
प्रधानमंत्री का यह बयान — “पहलगाम पर हमला पूरी मानवता पर हमला है” — सिर्फ एक राजनीतिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक अंतरात्मा की पुकार है, जिसे अब अनसुना नहीं किया जा सकता।