
उत्तर भारत के कई हिस्सों में इन दिनों सूरज मानो आग उगल रहा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है। सड़कों पर सन्नाटा पसरा है, लोग जरूरी कामों को भी टाल रहे हैं। हीट वेव के कारण बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों पर विशेष खतरा बना हुआ है।
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अपने ताज़ा अपडेट में बताया है कि 9 से 11 जून के बीच लू और गर्म हवाओं का असर और भी ज्यादा तेज़ हो सकता है। खासकर दोपहर के समय बाहर निकलना खतरनाक साबित हो सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को हाइड्रेटेड रहने, हल्के कपड़े पहनने और धूप से बचने की सलाह दी है।
अब सवाल ये है कि राहत कब मिलेगी? IMD के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून धीरे-धीरे उत्तर की ओर बढ़ रहा है और उम्मीद है कि 12 से 15 जून के बीच मानसून की पहली बौछारें पूर्वी भारत और कुछ उत्तर भारतीय क्षेत्रों में पहुंच सकती हैं। हालांकि दिल्ली और उसके आसपास के इलाकों में बारिश की राहत थोड़ा और इंतजार करवा सकती है।
मौसम विभाग का यह भी कहना है कि इस बार सामान्य या उससे अधिक वर्षा होने की संभावना है, जिससे किसानों और आम जनता दोनों को बड़ी राहत मिल सकती है।
फिलहाल के लिए जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देते रहें। यह गर्मी असामान्य जरूर है, लेकिन जल्द ही मानसून की फुहारें राहत लेकर आने वाली हैं।