ईरान-इज़रायल तनाव के चलते डोनाल्ड ट्रम्प ने G7 शिखर सम्मेलन छोड़ा बीच में

  • June 17, 2025
  • 0
  • 631 Views

मध्य पूर्व के हालात से दुनिया भर की राजनीति में हलचल, ट्रम्प की अचानक वापसी ने बढ़ाई वैश्विक चिंता

G7 सम्मेलन में छाया रहा युद्ध का साया
दुनिया के सात सबसे प्रभावशाली देशों के नेताओं की बैठक – G7 शिखर सम्मेलन – इस बार वैश्विक आर्थिक मुद्दों से हटकर युद्ध और संघर्ष की चिंताओं के इर्द-गिर्द घूमता रहा। विशेष रूप से ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते सैन्य तनाव ने सम्मेलन की दिशा को पूरी तरह बदल दिया। और इसी के चलते अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, जो सम्मेलन में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर शामिल थे, ने अचानक बैठक को बीच में ही छोड़ने का फैसला लिया।

मध्य पूर्व में युद्ध जैसे हालात
बीते कुछ हफ्तों से ईरान और इज़रायल के बीच हालात बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। सीरिया और लेबनान की सीमा से सटे इलाकों में लगातार रॉकेट हमले और जवाबी हवाई हमले हो रहे हैं। इज़रायल ने ईरान पर सैन्य ठिकानों को लक्षित करने का आरोप लगाया है, जबकि ईरान ने इज़रायल के “अतिक्रमण” के खिलाफ सख्त चेतावनी दी है। ऐसे में जब G7 सम्मेलन चल रहा था, उस वक्त खबर आई कि ईरान ने 20 से अधिक बैलिस्टिक मिसाइलें इज़रायल की ओर दागी हैं।

ट्रम्प की अचानक वापसी ने चौंकाया
इस खबर के आने के कुछ ही देर बाद, डोनाल्ड ट्रम्प ने सम्मेलन को तत्काल छोड़कर अमेरिका लौटने का निर्णय ले लिया। उन्होंने कहा, “मध्य पूर्व की स्थिति अत्यधिक गंभीर है। अमेरिका को अपनी भूमिका स्पष्ट करनी होगी। मुझे तत्काल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के साथ बैठक करनी है।”

ट्रम्प के इस कदम ने अन्य राष्ट्राध्यक्षों को भी असहज कर दिया। G7 में हिस्सा ले रहे यूरोपीय देशों के नेताओं ने चिंता जताई कि इस प्रकार का तनाव वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और ऊर्जा बाजारों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

अमेरिका की नीतिगत स्थिति को लेकर सवाल
ट्रम्प के प्रस्थान के बाद यह चर्चा तेज हो गई कि क्या अमेरिका किसी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है? व्हाइट हाउस की ओर से फिलहाल कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठान को अलर्ट कर दिया गया है। पेंटागन भी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।

हालांकि कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रम्प के इस कदम के पीछे केवल रणनीतिक कारण नहीं हैं, बल्कि उनका यह निर्णय घरेलू राजनीति में उनकी छवि को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा भी हो सकता है। 2024 में ट्रम्प एक बार फिर राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं, और ऐसे में उनका “निर्णयात्मक नेता” वाला चेहरा सामने लाना उनकी रणनीति का अहम हिस्सा हो सकता है।

G7 में छिड़ी बहस, क्या होगा अगला कदम?
G7 सम्मेलन में बाकी नेता अब इस बात को लेकर गंभीर चर्चा में लगे हैं कि कैसे ईरान-इज़रायल संघर्ष को शांतिपूर्ण रास्ते से हल किया जाए। फ्रांस के राष्ट्रपति ने कहा, “हम सभी देशों से संयम की अपील करते हैं। युद्ध किसी भी समस्या का समाधान नहीं है।” वहीं जर्मनी और कनाडा ने भी इस बात पर जोर दिया कि मध्य पूर्व की शांति के लिए संयुक्त राष्ट्र को सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए।

भारत और अन्य देशों की प्रतिक्रिया
भारत ने भी स्थिति पर नजर बनाए हुए है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि “भारत हर प्रकार की हिंसा और टकराव के खिलाफ है और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील करता है।” साथ ही भारत ने अपने नागरिकों के लिए ईरान और इज़रायल की यात्रा से बचने की सलाह भी जारी की है।

निष्कर्ष: वैश्विक राजनीति के बदलते समीकरण
डोनाल्ड ट्रम्प का G7 सम्मेलन से बीच में लौटना केवल एक राजनीतिक घटना नहीं है, यह वैश्विक अस्थिरता और युद्ध की संभावनाओं का संकेत है। जब दो देशों के बीच तनाव पूरे विश्व की नीतियों को प्रभावित करने लगे, तब यह स्पष्ट हो जाता है कि आज की दुनिया कितनी जुड़ी हुई है। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि क्या ईरान और इज़रायल के बीच बढ़ते युद्ध को रोकने के लिए विश्व समुदाय कोई निर्णायक कदम उठाता है या यह संघर्ष एक और विनाशकारी अध्याय की ओर बढ़ता है।

शांति और कूटनीति के रास्ते ही भविष्य का समाधान हो सकते हैं — और यही उम्मीद अब G7, संयुक्त राष्ट्र, और दुनिया की बड़ी ताकतों से की जा रही है।