
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए 26 निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या का बदला लेते हुए भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंक के ठिकानों पर भीषण प्रहार किया. पाकिस्तान में रह रहे 100 से ज्यादा आतंकी 6-7 मई की रात को भारतीय एयरस्ट्राइक में मारे गए. साथ ही हमारी कार्रवाई में भारत की ओर गोलीबारी करने वाले 30 से ज्यादा पाकिस्तानी सैनिक भी मौत के घाट उतार दिए गए.
अभी कुछ देर पहले भारतीय डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने प्रेस ब्रीफिंग दी है. उन्होंने ब्रीफिंग में कहा, “आप सभी उन दर्दनाक दृश्यों और पीड़ित परिवारों की वेदना को महसूस कर चुके हैं. इससे यह स्पष्ट था कि दुश्मन को एक निर्णायक जवाब देने का समय आ गया था. हमारी ओर से ऑपरेशन सिंदूर के तहत एक सटीक रणनीति बनाई गई, जिसमें आतंकवादियों और उनके आकाओं को दंडित करने का लक्ष्य था.”
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “हमने सीमापार आतंकी ढांचे की बारीकी से पहचान की थी. हमने पाया कि पाकिस्तान में कई आतंकी ठिकाने खाली भी कर दिए गए थे, लेकिन 9 प्रमुख ठिकाने हमारे निशाने पर थे. इनमें से कुछ पाक अधिकृत कश्मीर में थे और कुछ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित थे.”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान में मुरीदके जैसे आतंकी ठिकानों पर भी भारत की ओर से हमले किए गए, मुरीदके लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों का गढ़ रहा है, जहां से अजमल कसाब और डेविड हेडली जैसे आतंकवादी आए थे.”
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने आगे बताया, “उपरोक्त 9 ठिकानों पर हमारे हमलों में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें कई हाई वैल्यू टारगेट भी शामिल थे. मारे गए आतंकियों में यूसुफ अज़हर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद भी थे, जो आईसी814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे.”
“हमलों के बाद बौखलाए पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा पर जवाबी कार्रवाई शुरू की, जिसमें उन्होंने बेकसूर नागरिकों, गांवों और गुरुद्वारों जैसे धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया, जिससे कई निर्दोष जानें गईं. भारत ने संयम बरतते हुए केवल आतंकी ठिकानों पर हमला किया और आम नागरिकों की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.”
भारतीय वायुसेना और नौसेना की निर्णायक भूमिका
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि भारतीय वायुसेना ने इन हमलों में अहम भूमिका निभाई. भारतीय नौसेना ने अत्याधुनिक सटीक हथियार प्रणाली के जरिये ऑपरेशन को मजबूती दी. वायुसेना के जंगी विमान मिशन के दौरान लगातार आसमान में तैनात रहे.
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, “…जमीन पर भी हमने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए, जैसे वायु रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर उपकरणों की तैनाती, ताकि भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर एक एकीकृत ग्रिड स्थापित किया जा सके. मैंने देखा और सुना है कि आपमें से कई लोग इस तरह की संरचना के लाभों की सराहना करते रहे हैं, खासकर जब वायु क्षेत्र में घुसपैठ को रोकने और मुकाबला करने की बात आती है.”
हमने भूमि, समुद्र और वायु क्षेत्रों में अपने बलों की तैनाती और उनके मूवमेंट को भी अंजाम दिया.
“9-10 मई की रात को भी ड्रोन और विमानों के माध्यम से इसी तरह की घुसपैठ की कोशिशें हुईं, और इस बार दुश्मन ने हवाई ठिकानों और कुछ बेहद महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने का समन्वित प्रयास किया. हालांकि एक बार फिर, भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना की संयुक्त वायु रक्षा प्रणाली ने इन प्रयासों को साहसपूर्वक और कुशलता से नाकाम कर दिया.”
एके भारती ने मिसाइल हमलों का वीडियो दिखाया
एयर मार्शल एके भारती ने भी इस दौरान मीडिया को बहावलपुर और मुरीदके स्थित आतंकी अड्डों पर हुए मिसाइल हमलों का विस्तृत वीडियो फुटेज दिखाया. यह फुटेज भारत की सर्जिकल सटीकता और ताकत का स्पष्ट प्रमाण था.
एयर मार्शल एके भारती ने बताया, 9-10 मई की रात पाकिस्तान ने सीमा पार से ड्रोन और विमानों के जरिये हमारे सैन्य ठिकानों पर हमले की असफल कोशिशें कीं. इसके बाद नियंत्रण रेखा पर फिर से संघर्ष तेज हुआ.
भारत ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि आतंक के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति सिर्फ शब्दों तक सीमित नहीं, बल्कि अब हर हमले का मुंहतोड़ जवाब मिलेगा.