तेलंगाना के फैक्ट्री धमाके में अब तक 34 की मौत, मलबे में फंसे लोगों की तलाश जारी

  • July 1, 2025
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हैदराबाद:
तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में सिगाची इंडस्ट्रीज केमिकल फैक्ट्री में सोमवार को हुए भीषण विस्फोट ने पूरे देश को झकझोर दिया। 34 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है, कई गंभीर रूप से घायल हैं, और मलबे में अब भी कुछ लोग फंसे हो सकते हैं—ऐसा अधिकारियों का कहना है।


कैसे हुआ हादसा?

यह हादसा पशामैलारम इंडस्ट्रियल एरिया स्थित केमिकल प्लांट में सुबह 8:15 से 9:35 के बीच हुआ। अचानक जोरदार धमाका हुआ, जिससे फैक्ट्री का एक बड़ा हिस्सा ढह गया और आग लग गई। शुरुआत में सिर्फ 10 घायलों की खबर आई थी, लेकिन शाम होते-होते मौतों की संख्या बढ़ती गई। मंगलवार सुबह तक यह आंकड़ा 34 पार कर चुका था।


रेस्क्यू ऑपरेशन 24 घंटे तक चला

धमाके के बाद फायर ब्रिगेड, पुलिस, NDRF और SDRF की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं।

  • 11 फायर टेंडर अलग-अलग इलाकों से बुलाए गए
  • दो रोबोट भी आग बुझाने और खोजबीन के काम में लगाए गए
  • मलबे में दबे लोगों की तलाश अब भी जारी है

IG वी. सत्यनारायण ने बताया कि धमाके की खबर मिलते ही 20 मिनट में टीमें मौके पर पहुंच गई थीं।


हादसे के वक्त फैक्ट्री में 90 कर्मचारी मौजूद

करीब 150 लोगों की क्षमता वाली फैक्ट्री में उस समय करीब 90 लोग काम कर रहे थे। इसी वजह से जानमाल का इतना बड़ा नुकसान हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, धमाके के बाद चारों तरफ धुआं ही धुआं था और फैक्ट्री का ढांचा पूरी तरह तबाह हो गया।


इलाके में पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे

यह पहली बार नहीं है जब संगारेड्डी–पशामैलारम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में ऐसा हादसा हुआ हो।

  • 2023 में यहां एक फार्मा यूनिट में धमाका हुआ था, जिसमें 3 लोगों की मौत हुई थी।
  • कुछ समय पहले एक अन्य फैक्ट्री में हुए हादसे में 6 लोग मारे गए थे।

इससे सुरक्षा मानकों और रेगुलेटरी निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।


मुख्यमंत्री और विपक्ष की प्रतिक्रिया

तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने हादसे पर शोक जताया है और रेस्क्यू को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। वहीं BJP MLA पायल शंकर ने इस हादसे की जांच की मांग की है। उन्होंने कहा:

“क्या सुरक्षा के नियमों का पालन हुआ था? हादसे की वजह जानना ज़रूरी है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।”


निष्कर्ष:

तेलंगाना का यह हादसा सिर्फ एक दुर्घटना नहीं, बल्कि औद्योगिक सुरक्षा और जवाबदेही से जुड़ा एक गंभीर सवाल बन गया है। जब तक जवाबदेही तय नहीं होगी, ऐसे हादसे दोहराए जाते रहेंगे।