“धर्म पूछकर आतंकियों ने मारी गोली…”, शशि थरूर ने आतंक परस्त पाकिस्तान की खोली बड़ी पोल

  • May 25, 2025
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All Party Delegation

All Party Delegation: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान पोषित आतंकवाद की पोल खोलने के लिए भारत का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश का दौरा कर रहा है. इस कड़ी में कांग्रेस सासंद शशि थरूर (Shashi Tharoor) अमेरिका पहुंचे, जहां उन्होंने शनिवार को पहलगाम हमले के बाद भारत की ओर से की गई सधी कार्रवाई के बारे में बताया, जिसमें भारतीय सेना ने पीओके और पाकिस्तान स्थित आतंकियों के 9 शिविर और लॉन्च पैड को नष्ट कर दिया था.

Shashi Tharoor से विश्व से किया आह्वान
कांग्रेस सांसद ने विश्व से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का आह्वान किया. भारतीय वाणिज्य दूतावास में अपने संबोधन में थरूर ने कहा कि सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का 9/11 स्मारक का दौरा उनका पहला पड़ाव था.

उन्होंने कहा, “यह हमारे लिए बहुत भावुक क्षण था, लेकिन इसका उद्देश्य एक बहुत मजबूत संदेश देना भी था कि हम एक ऐसे शहर में हैं जो अपने देश में हुए एक और आतंकवादी हमले के मद्देनजर उस क्रूर आतंकवादी हमले के निशान अभी भी झेल रहा है. थरूर ने कहा, “हम यह याद दिलाने के लिए यहां आए हैं कि यह एक साझा समस्या है, लेकिन पीड़ितों के साथ एकजुटता की भावना से भी… यह एक वैश्विक समस्या है, यह एक अभिशाप है और हम सभी को एकजुट होकर इसका मुकाबला करना चाहिए.”

सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की यात्रा के उद्देश्य के बारे में बोलते हुए थरूर ने कहा, “हमारा विचार उन सभी देशों में जनता और राजनीतिक विचारों के विभिन्न वर्गों से बात करना है, जहां हम जा रहे हैं. हाल की घटनाओं के बारे में, जिनसे जाहिर तौर पर दुनिया भर में कई लोग परेशान हैं. मूल समस्या बनी हुई है और यह महत्वपूर्ण है कि हम जो कुछ हो रहा है, उसके बारे में हमारी सोच और हमारी चिंता के बारे में आपकी समझ को बढ़ाने का प्रयास करें.”

उन्होंने आगे कहा, इसलिए यह हमारे लिए एक अवसर है कि हम प्रत्येक देश में जाएंगे, कार्यपालिका के सदस्यों से मिलेंगे, विधायिका के सदस्यों से मिलेंगे, और प्रभावशाली विदेश नीति विशेषज्ञों से मिलेंगे, और साथ ही इन सभी स्थानों पर मीडिया और जनमत के साथ बातचीत करेंगे.”

पहलगाम में हुए नृशंस आतंकवादी हमले का वर्णन करते हुए थरूर ने कहा, “कुछ लोग घूम-घूम कर लोगों के धर्म की पहचान कर रहे थे और उसी के आधार पर उनकी हत्या कर रहे थे, जिसका स्पष्ट उद्देश्य शेष भारत में प्रतिक्रिया भड़काना था , क्योंकि पीड़ित अधिकतर हिंदू थे.

विस्तृत जानकारी देते हुए थरूर ने कहा, “इस अत्याचार के एक घंटे के भीतर ही रेजिस्टेंस फ्रंट नामक एक समूह ने इसका श्रेय ले लिया था. रेजिस्टेंस फ्रंट को कुछ वर्षों से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का एक मुखौटा संगठन माना जाता था, जिसे अमेरिका ने आतंकवादी घोषित किया है, साथ ही संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समितियों ने भी इसे आतंकवादी घोषित किया है. और भारत 2023 और 2024 में रेजिस्टेंस फ्रंट के बारे में जानकारी के साथ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति के पास गया था और अब दुख की बात है कि उसने 2025 में कार्रवाई की और अगले दिन उन्होंने अपना दावा दोहराया.”

भारत ने आतंकवाद पर किया करारा प्रहार
शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने कहा, दुख की बात है कि पाकिस्तान ने हमेशा की तरह इनकार का रास्ता चुना, वास्तव में, चीन की मदद से पाकिस्तान दो दिन बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तैयार किए गए प्रेस वक्तव्य से टीआरएफ का संदर्भ हटाने में सफल रहा.” पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया के बारे में बोलते हुए थरूर ने कहा, “जैसा कि आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता. मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं, लेकिन मैंने खुद भारत के एक प्रमुख अखबार में दो दिनों के भीतर एक लेख लिखा था, जिसमें कहा गया था कि अब कठोर और चतुराई से हमला करने का समय आ गया है और मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने ठीक यही किया.”

उन्होंने बताया कि किस तरह से सटीक और सोच-समझकर “9 विशिष्ट ज्ञात आतंकवादी ठिकानों, मुख्यालयों और लॉन्चपैडों पर हमले किए गए. इनमें मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा, बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने शामिल थे, जो अन्य बातों के अलावा डेनियल पर्ल की हत्या के लिए जिम्मेदार थे…”

थरूर (Shashi Tharoor) ने रेखांकित किया कि “भारत ने स्पष्ट संदेश दिया कि वह आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा, वह जवाब देगा, लेकिन साथ ही बहुत ही सटीक, गणना किए गए, बहुत ही विशिष्ट लक्ष्यों पर हमले करके, जो एक लंबे युद्ध की शुरूआत नहीं थी, बल्कि केवल प्रतिशोध की कार्रवाई थी.”

कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) के नेतृत्व वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शांभवी चौधरी (लोक जनशक्ति पार्टी), सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), जीएम हरीश बालयागी (तेलुगु देशम पार्टी), शशांक मणि त्रिपाठी, तेजस्वी सूर्या, भुवनेश्वर के लता (सभी भाजपा से), मल्लिकार्जुन देवदा (शिवसेना) और अमेरिका में भारत के पूर्व राजदूत तरणजीत सिंह संधू शामिल हैं.