
Lucknow News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में उत्तर प्रदेश सरकार की ‘ओबीसी शादी अनुदान योजना’ अब गरीब परिवारों के लिए एक मजबूत सहारा बन चुकी है. जिन घरों में पहले बेटियों की शादी आर्थिक तंगी के कारण चिंता का कारण बनी रहती थी, अब वहीं परिवार सरकारी मदद से अपनी बेटियों की शादी को सम्मानजनक ढंग से कर पा रहे हैं.
इस योजना के तहत योगी सरकार ओबीसी वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए 20 हजार रुपये की सहायता राशि दे रही है. यह सहायता सीधे लाभार्थियों के खाते में भेजी जाती है. सरकार का मकसद साफ है, गरीबी के कारण किसी भी बेटी की शादी रुके नहीं और हर परिवार को सरकार की मदद समय पर मिले.
उत्तर प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2023-24 में जहां 55,551 बेटियों को यह अनुदान मिला था, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर एक लाख तक पहुंच गई है. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि अब योजना की आय सीमा बढ़ाकर एक लाख रुपये कर दी गई है. पहले यह केवल बीपीएल कार्डधारकों तक सीमित थी, लेकिन अब ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के अधिक परिवारों को इसका लाभ मिल पा रहा है.
सरकार ने बढ़ाया बजट, बढ़ाया भरोसा
सरकार ने इस योजना को और मजबूत करने के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का बजट भी 2,789.71 करोड़ रुपये कर दिया है, जो पिछले साल के मुकाबले 451 करोड़ रुपये ज्यादा है. योगी सरकार का मानना है कि जब तक समाज का सबसे कमजोर तबका आगे नहीं बढ़ेगा, तब तक विकास अधूरा है.
पिछड़ा वर्ग के लिए लगातार बढ़ रहा सहयोग
पिछड़ा वर्ग के लिए सरकार के प्रयास सिर्फ शादी अनुदान तक सीमित नहीं हैं. वर्ष 2012-13 से 2016-17 तक पिछली सरकारों ने इस विभाग में 6,928 करोड़ रुपये खर्च किए थे, जबकि योगी सरकार के समय यानी 2017-18 से 2025-26 के बीच यह बजट 14,969 करोड़ रुपये हो चुका है. यह बढ़ोतरी इस बात का सबूत है कि सरकार पिछड़ा वर्ग के कल्याण को कितनी गंभीरता से ले रही है.
सरकार की मंशा-हर बेटी को मिले सम्मान
पिछड़ा वर्ग एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप का कहना है कि योगी सरकार चाहती है कि कोई भी गरीब ओबीसी परिवार अपनी बेटी की शादी को लेकर अकेला न महसूस करे. यह योजना केवल पैसों की मदद नहीं, बल्कि समाज में सम्मान और बराबरी की ओर एक मजबूत कदम है.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में ओबीसी वर्ग की बड़ी आबादी है. ऐसे में यह योजना उन लाखों परिवारों को सीधे राहत पहुंचा रही है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. आने वाले समय में सरकार का लक्ष्य है कि इस योजना का लाभ और भी ज्यादा जरूरतमंद परिवारों तक पहुंचे और कोई भी बेटी शादी के मौके पर उपेक्षित महसूस न करे.