
गौतम गंभीर के कोच बने एक साल में भारतीय टेस्ट टीम की स्थिति तेजी से बिगड़ती दिख रही है। इंग्लैंड दौरे के पहले टेस्ट में डेढ़ दशक से टूटे रिकॉर्ड—जिन्हें ‘गंभीर’ की कोचिंग ने हवा दी।
शुरुआत हालांकि थी उत्साहपूर्ण…
- लीड्स में बल्लेबाजों ने 5 शतक लगाए, जिसमें दो शतक ऋषभ पंत ने ठोके;
- पर गेंदबाज़ी और फील्डिंग की “अनुशासनहीनता” ने हार के गहरे जख्म दे दिए;
- शुभमन गिल की कप्तानी की शुरुआत निराशाजनक रही, और इंग्लैंड ने 5 विकेट से मैच जीत लिया।
गंभीर के साथ केवल 11 टेस्ट: 3 जीत, 6 हार
- बस बांग्लादेश दौरा रहा सहारा—2 मुकाबलों की सीरीज में मिली सफलता;
- न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में 5 टेस्ट में टीम के गिरने का सिलसिला जारी;
- अब इंग्लैंड के खिलाफ हार से सवाल उठा — क्या गंभीर के कोचिंग स्टाइल में कमजोरी है?
13 शर्मनाक टेस्ट रिकॉर्ड्स:
- 36 साल बाद घरेलू न्यूजीलैंड हार
- चिन्नास्वामी में 19 साल बाद घरेलू पराजय
- घरेलू पारी में पहली बार 50 से भी कम (46 रन)
- न्यूजीलैंड को होम ‘वाइटवॉश’
- घरेलू जमीन पर 12 साल बाद टेस्ट श्रृंखला हार
- लगातार दो घरेलू टेस्ट में हार (पहली बार 12 साल में)
- मुंबई में 12 साल बाद टेस्ट हार
- न्यू जीलैंड के होम टेस्ट वाइटवॉश
- मेलबर्न में 13 साल बाद टेस्ट हार
- ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट श्रृंखला 10 साल में पहली बार हारी
- ऑस्ट्रेलिया में तीन हार—12 साल का डिफॉल्ट टूटा
- WTC 2025 फाइनल से विपक्षित—पहली बार
- 5 शतक, फिर भी टेस्ट हार—इतिहास में पहली बार
निष्कर्ष:
गौतम गंभीर की कोचिंग में टीम को सुधार की बहुत ज़रूरत है। फिलहाल टेस्ट फॉर्मेट में सफलता अँधेरे में खो सी गई है, और विशेषज्ञों की आवाजें भी तेज़ हो रही हैं—क्या गंभीर को हटाकर नया मार्ग चाहिए?