बच्चों के यौन अपराधों वाले केसेज के लिए SC ने सरकार को दिया स्पेशल पॉक्सो कोर्ट बनाने का आदेश

  • May 15, 2025
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POOSO ACT

सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो के मामले में अहम आदेश दिया है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के मामलों से निपटने के लिए स्पेशल पॉक्सो कोर्ट स्थापित करने का निर्देश दिया है.

जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस पी बी वराले की पीठ ने यह फैसला दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने पॉक्सो विशेष अदालतों की. संख्या की कमी पर चिंता जाहिर की, साथ ही कहा कि इससे कारण विशेष अदालतों में कई मामले लंबित हैं.

कोर्ट ने कहा कि “इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि भारतीय संघ और राज्य सरकारें पॉक्सो मामलों की जांच से जुड़े अधिकारियों को संवेदनशील बनाने के लिए उचित कदम उठाएगी, और सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर पॉक्सो मामलों की सुनवाई के लिए समर्पित अदालतें भी बनाई जाएगी.”

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अधिकांश राज्यों ने पॉक्सो मामलों के लिए विशेष अदालतों का गठन किया है, लेकिन तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, महाराष्ट्र, बिहार, उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में मामले लंबित है. इसलिए पॉक्सो अदालतों की.सख्त जरूरत है. कोर्ट ने यह साफ किया गया पॉक्सो अधिनियम के तहत 100 से अधिक एफआईआर वाले हर जिले में एक पॉक्सो अदालत होनी चाहिए.

इससे पहले सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा था कि विशेष पॉक्सो अदालतों के गठन तो किया गया है, लेकिन जजों की कमी के कारण काफी केस लंबित हो गए है. पहले दिए गए कई दिशा निर्देशों में भी जजों की कम संख्या के चलते व्यवहारिक रूप से लागू नहीं हो पा रहे हैं. हमारे पास जज नही है. हम जज कहां से लाएं? सभी अदालतें पहले से ही बोझिल हैं. जजों के पद खाली पड़े हैं और कोई उनकी तैयारी नहीं कर रहा है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी से 30 जून 2019 तक देशभर में बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों की 24.212 एफआईआर दर्ज की गई है. इनमें से 11981 मामलों की जांच फिलहाल पुलिस कर रही है और 12231 केसों में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है.