
लखनऊ:
उत्तर प्रदेश में सामूहिक विवाह योजना के तहत अब शादी से पहले दूल्हा-दुल्हन को देना होगा बायोमेट्रिक अटेंडेंस! योगी सरकार ने इस योजना को पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
अब किसी भी तरह के फर्जीवाड़े — जैसे घर बैठे पेपरों में शादी दिखाना या पहले से शादीशुदा होकर सरकारी लाभ लेना — को रोकने के लिए तकनीकी निगरानी की जा रही है।
नए नियम क्या हैं?
- 👨💼 दूल्हा और दुल्हन दोनों की बायोमेट्रिक अटेंडेंस अनिवार्य होगी।
- 🧾 आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का पूरा सत्यापन जरूरी होगा।
- 🏛️ विवाह समारोह में जिलाधिकारी की मौजूदगी अनिवार्य होगी।
सरकार ने साफ किया है कि यह कदम योजना में धोखाधड़ी और गैर-योग्य लाभार्थियों को रोकने के लिए है, ताकि ज़रूरतमंद और वास्तविक जोड़ों को ही लाभ मिले।
सरकार का उद्देश्य: पारदर्शिता और सुरक्षा
सरकार का कहना है कि
“इस योजना का लाभ उन्हीं को मिलना चाहिए जो वास्तव में इसके हकदार हैं। अब आधार सत्यापन और बायोमेट्रिक अटेंडेंस से किसी तरह की गड़बड़ी की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।”
यह कदम उन मामलों को रोकने में मदद करेगा, जहां लोग केवल सरकारी सहायता पाने के लिए फर्जी शादी दर्शा देते थे।