
पुरी (ओडिशा):
ओडिशा के पुरी में रविवार सुबह जगन्नाथ रथयात्रा के दौरान बड़ा हादसा हो गया। श्री गुंडिचा मंदिर के पास भगदड़ मचने से 3 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। घटना सुबह 4 से 5 बजे के बीच की बताई जा रही है, जब लाखों श्रद्धालु रथयात्रा देखने उमड़े थे।
मृतकों की पहचान 80 वर्षीय प्रेमकांता मोहंती, 36 वर्षीय बसंती साहू और 42 वर्षीय प्रभाती दास के रूप में हुई है। हादसा सराधाबाली इलाके में तब हुआ जब श्रद्धालु मंदिर से निकलने की कोशिश कर रहे थे, और एग्जिट रूट पर अव्यवस्था फैल गई।
रथयात्रा का दूसरा दिन बना चुनौती
रथयात्रा का दूसरा दिन (28 जून) बेहद भीड़भाड़ भरा रहा। सुबह 10 बजे भगवान बलभद्र के रथ तालध्वज ने यात्रा शुरू की, उसके बाद 12 बजे देवी सुभद्रा का रथ दर्पदलन और दोपहर 1.10 बजे भगवान जगन्नाथ का रथ नंदीघोष गुंडिचा मंदिर पहुंचा। मंदिर की दूरी केवल 2.6 किमी थी, लेकिन भारी भीड़ के कारण तीन घंटे लगे।
स्वयंसेवक और श्रद्धालुओं ने बताया– प्रशासन नाकाम रहा
घटना के चश्मदीद स्वाधीन कुमार पांडा ने बताया कि रात 2–3 बजे तक स्थिति बेकाबू होने लगी थी। वीआईपी रूट्स बनाए जाने और आम श्रद्धालुओं को गलत दिशा में निकास दिए जाने से भीड़ एक ही रास्ते पर जमा हो गई। कई वाहन भी बिना मंजूरी मंदिर के पास तक पहुंच गए थे।
एक दिन पहले भी बिगड़ी थी हालत
शनिवार को भी 750 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सांस लेने में दिक्कत के कारण अस्पताल ले जाना पड़ा था। इनमें से 12 को ICU में भर्ती किया गया था। प्रशासन ने पहले ही बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाओं को यात्रा से दूर रहने की सलाह दी थी, लेकिन पालन नहीं हुआ।
क्या था भगदड़ का कारण?
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, लकड़ी के लट्ठे ले जा रहे दो ट्रकों के अचानक भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में घुसने से भगदड़ की स्थिति बनी। कम पुलिस बल, संकरी गलियां और तितर-बितर हो चुके लट्ठे हादसे की मुख्य वजह माने जा रहे हैं।
सरकार ने दिए जांच के आदेश
ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “लापरवाही बरतने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।”