
एक मुस्कान जो अब हमेशा के लिए तस्वीर में कैद हो गई
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन के लिए उड़ान भरते ही एयर इंडिया फ्लाइट AI-171 के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस विमान में 242 लोग सवार थे, जिनमें से कोई भी जीवित नहीं बचा। इस भीषण त्रासदी के बाद अब एक भावुक कर देने वाली तस्वीर सोशल मीडिया और समाचार माध्यमों में सामने आई है — एक डॉक्टर परिवार द्वारा ली गई अंतिम सेल्फी, जिसमें उनकी आंखों में उम्मीद और चेहरों पर मुस्कान है।
डॉक्टर परिवार की आखिरी तस्वीर
यह सेल्फी विमान में सवार एक प्रतिष्ठित डॉक्टर परिवार द्वारा ली गई थी। पति-पत्नी दोनों नामी निजी अस्पताल में वरिष्ठ चिकित्सक थे और अपने दो बच्चों के साथ लंदन छुट्टियों पर जा रहे थे। विमान के टेकऑफ से कुछ समय पहले ही उन्होंने विमान के भीतर एक फोटो क्लिक की थी, जिसमें पूरा परिवार खिड़की के पास बैठा मुस्कुरा रहा है। उस मुस्कान में उत्साह था, यात्रा की खुशी थी, लेकिन किसी को क्या पता था कि ये उनकी ज़िंदगी की आखिरी तस्वीर होगी।
दिल को छू लेने वाली प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर यह सेल्फी वायरल हो गई है। लोगों की प्रतिक्रियाएं सिर्फ संवेदना तक सीमित नहीं रहीं — कई यूज़र्स ने इस तस्वीर को “जीवन के अनिश्चितता की प्रतीक” कहा, तो किसी ने लिखा, “इस तस्वीर ने मेरी आंखों में आंसू ला दिए।”
परिवार की पहचान और योगदान
मृत डॉक्टर दंपती अहमदाबाद के एक प्रतिष्ठित मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल में वरिष्ठ चिकित्सक थे। दोनों ने चिकित्सा के क्षेत्र में वर्षों से जनसेवा की थी और कोरोना काल में भी आगे रहकर मरीजों की सेवा की थी। उनके जाने से न सिर्फ उनका परिवार उजड़ गया, बल्कि चिकित्सा समुदाय को भी अपूरणीय क्षति हुई है।
मां-बाप की करुण पुकार
डॉक्टर दंपती के माता-पिता ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “वो लोग बहुत खुश थे इस ट्रिप को लेकर। बच्चों को पहली बार विदेश ले जा रहे थे। वो आखिरी बार फोन पर बोले थे कि ‘जल्दी लौटेंगे’… लेकिन अब केवल वो तस्वीर रह गई।”
अंतिम क्षण की तस्वीर ने खोला कई सवाल
विमान के अंदर मुस्कुराते यात्रियों की तस्वीरें अब कई सवाल खड़े कर रही हैं। क्या इस हादसे को रोका जा सकता था? क्या विमान में कोई तकनीकी खराबी पहले से मौजूद थी? क्या यात्रियों को सही समय पर कोई संकेत मिला होता तो जान बचाई जा सकती थी?
दर्दनाक दृश्य और राहत कार्य
दुर्घटना स्थल से अभी भी शवों की पहचान की प्रक्रिया चल रही है। राहत और बचाव दल के लिए यह एक असाधारण चुनौती है, क्योंकि आग, मलबा और विमान के टुकड़ों के बीच सटीक पहचान करना कठिन हो गया है।
IMD और अन्य एजेंसियों की निगरानी में जांच
DGCA, एयर इंडिया और बोइंग ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है। हादसे के तुरंत बाद बोइंग ने तकनीकी सहायता की घोषणा की थी और अब यह मामला वैश्विक स्तर पर गंभीरता से देखा जा रहा है, क्योंकि यह ड्रीमलाइनर श्रेणी का पहला जानलेवा हादसा है।
समाज के लिए एक सीख
यह त्रासदी एक बार फिर यह याद दिलाती है कि जीवन कितना नाजुक और अनिश्चित है। जो मुस्कान आज हमें तस्वीरों में दिखती है, वह कल केवल यादों में रह जाती है। डॉक्टर परिवार की वह आखिरी सेल्फी हमें सिखाती है कि हर पल को जीना चाहिए, अपनों के साथ बिताया हर लम्हा अनमोल होता है।
निष्कर्ष
एयर इंडिया हादसा केवल एक विमान दुर्घटना नहीं था, वह कई सपनों का टूटना, परिवारों का बिखरना और समाज के लिए एक गहरा जख्म था। उस डॉक्टर परिवार की आखिरी मुस्कान, जो एक सेल्फी में कैद हो गई, अब देश के लिए एक याद बन गई है — एक ऐसी याद जो कभी धुंधली नहीं होगी।