
संयुक्त राष्ट्र — संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने सुरक्षा परिषद के आपातकालीन सत्र में चेतावनी दी कि ईरान के परमाणु ठिकानों पर अमेरिकी हमले मध्य पूर्व में एक “खतरनाक मोड़” साबित हो सकते हैं। उन्होंने सभी सदस्यों से शांतिपूर्ण और कूटनीतिक समाधान अपनाने की अपील की।
अमेरिका ने हाल ही में तीन प्रमुख परमाणु प्रतिष्ठानों—फोर्डो, नतांज और इस्फ़हान— पर हवाई हमले की पुष्टि की है। इस कदम के चलते सुरक्षा परिषद रविवार, 22 जून 2025 को असामयिक रूप से बुलाई गई।
गुटेरेस ने कहा,
“यह हमला पहले से अस्थिर क्षेत्र में और गहरी अशांति पैदा कर सकता है।”
उन्होंने बताया कि विश्व को अब दो रास्ते मिल रहे हैं—एक युद्ध की ओर और दूसरा संवाद एवं तनावपूर्ण कूटनीतिक पहल की ओर।
“हमें शांति का रास्ता चुनना है।”
⚠️ IAEA ने भी जताई चिंताएँ
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने सुरक्षा परिषद को बताया कि ये हमले परमाणु सुरक्षा मानकों को कमजोर कर सकते हैं। हालांकि अभी तक रेडियोलॉजिकल रिलीज की सूचना नहीं, लेकिन जोखिम नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
गुटेरेस ने कहा,
“परमाणु ठिकानों पर हमले का परिणाम सीमाओं के भीतर भी भयंकर हो सकता है।”
उन्होंने अधिकतम संयम बरतने और बातचीत को प्राथमिकता देने की ज़ोरदार अपील की।
🌍 कूटनीतिक विकल्प ही बचाव
गुटेरेस ने क्षेत्रीय और वैश्विक समुदाय से तत्परता से कूटनीतिक वार्ता शुरू करने का आग्रह किया, ताकि तनावपूर्ण हालात को बातचीत से शांत किया जा सके।
उन्होंने याद दिलाया कि ईरान को NPT (परमाणु अप्रसार संधि) का सख्ती से पालन करना चाहिए—यह अंतरराष्ट्रीय शांति की नींव है।
🇺🇸 अमेरिका का रुख
संयुक्त राष्ट्र में कार्यवाहक अमेरिकी राजदूत डोरोथी शिया ने ईरानी नेतृत्व से अपील की कि
- इज़राइल को खत्म करने की राजनीति बंद करें
- परमाणु हथियार की राह छोड़ें
- अमेरिकी नागरिकों को निशाना बनाना बंद करें
- शांति वार्ता में शामिल हो जाएं ताकि क्षेत्रीय स्थिरता बन सके।