
Operation Sindoor: पाकिस्तानी सेना से लेकर मंत्री और प्रधानमंत्री तक जिस तरह एक के बाद एक झूठ बोल रहे हैं, उसमें उनकी बौखलाहट साफ नजर आ रही है. भारत के साथ 3-4 दिन चली इस तनातनी में पाकिस्तान से सारे देशों ने पल्ला झाड़ लिया, यहां तक की उसका जिगरी दोस्त चीन भी साथ खड़ा नजर नहीं आया. जहां इजरायल, रूस, ब्रिटेन और नीदरलैंड जैसे बड़े-बड़े मुल्कों ने भारत का साथ दिया तो वहीं अमेरिका और चीन ने भले खुलकर कुछ न कहा हो, लेकिन उनका कोई भी बयान न तो पाकिस्तान के हक में था और न ही भारत के विरोध में.
डच सांसद गीर्ट विलडर्स ने न सिर्फ भारत के पक्ष में बात की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, ‘आई लव इंडिया, 100 परसेंट कश्मीर भारत का है.’ इसके साथ उन्होंने हैशटैग लिखा- पाकिस्तान बिहाइंड पहलगाम टेरर अटैक यानी पहलगाम आतंकी हमले के पीछे पाकिस्तान है.
इतिहास गवाह है कि रूस हमेशा भारत के साथ एक सच्चे दोस्त की तरह खड़ा नजर आया है और उसने इस बार भी उसने दोस्ती साबित की. पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए लॉन्च किए गए ऑपरेशन सिंदूर का रूस ने भी सपोर्ट किया. ऑपरेशन सिंदूर से एक दिन पहले ही 5 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात हुई थी. पुतिन ने पहलगाम आतंकी हमले पर बेहद दुख जताया था और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत को फुल सपोर्ट की बात कही थी. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पहलगाम जैसे जघन्य अपराध के दोषियों और उनके मददगारों को न्याय के कटघरे में लाना चाहिए. वहां के विदेश मंत्री ने भी अपने बयान में कहा था कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है. ये दिखाता है कि रूस भारत के साथ है.
इजरायल ने भी भारत को सिर्फ हथियार नहीं दिए, बल्कि खुलकर भारत के लिए डिप्लोमैटिक स्टैंड भी लिया. हारूप और बराक 8 जैसे इजरायली हथियारों को भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ इस्तेमाल किया, जिससे उसका दम निकल गया. भारत में इजरायली राजदूत रुवेन अजर ने 7 मई को ट्वीट में लिखा, ‘इजरायल भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करता है. आतंकवादियों को पता होना चहिए कि निर्दोषों के खिलाफ जघन्य अपराधों के बाद उनके पास छिपने की कोई जगह नहीं है.’
भारत के साथ खड़े होने वालों में फ्रांस भी है. फ्रांस ने राफेल को लेकर झूठ फैलाने वालों को जवाब दिया और बताया कि उसके पास इसकी कोई जानकारी नहीं है कि कोई राफेल गिराया गया है. उन्होंने कहा कि भारत का ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है और यह समर्थन के लायक है.
अमेरिका ने भले ही सीधे शब्दों में बयान न दिया हो, लेकिन उसका एक ट्वीट वायरल हो रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक ट्वीट में कहा था कि अमेरिका पाकिस्तान की ढाल नहीं बनेगा. इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) में पाकिस्तान के लिए सिर्फ सिफारिश करने बावजूद अमेरिका का भारत के खिलाफ कोई स्टैंड न लेना. भारत के लिए कूटनीतिक जीत है.
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्रिटिश सांसदों ने भारत के एक्शन को सही ठहराते हुए कहा था कि कोई भी देश आतंकवाद बर्दाश्त नहीं कर सकता है. पाकिस्तानी लॉबी को जवाब देते हुए ब्रिटिश सांसदों ने भारत की कार्रवाई को उचित ठहराया. पाकिस्तान के जिगरी दोस्त चीन की बात करें तो उसने कहा कि वह भारत के हमले को सही नहीं मानता, लेकिन आतंकवाद को भी सपोर्ट नहीं करता. यानी न पाकिस्तान का सपोर्ट किया और न ही भारत की आलोचना की.