बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद हिंदुओं पर हो रहे लगातार अत्याचार पर धर्मानगरी हरिद्वार के संतों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं, संतो का कहना है कि बांग्लादेश में जिस तरह से इस्कॉन मंदिर के महंत कृष्णदास को गिफ्तार किया और इस्कॉन जैसे धार्मिक संगठन जिसने बांग्लादेश में आई बाढ़ के समय बिना किसी भेदभाव के लाखों लोगों को भोजन बांटा था, ऐसे संगठन को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया जा रहा हैं। आज भारत सरकार को चाहिए कि वह वहाँ हिंदुओ की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करते हुए, चाहे तो शांति सेना भेजें।
बांग्लादेश की स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए शाम्भवी आश्रम के परम अध्यक्ष स्वामी आनंद स्वरूप ने कहा कि आज बांग्लादेश की जो स्थिति है वह भारत के लिए बहुत खतरनाक है जहां-जहां भी मुसलमान बहुसंख्यक हुए हैं वहां वहाँ वह अल्हा का कानून और रसूल की सत्ता चाहता है, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं के रक्षा के लिए कल कदम उठाएं साथ ही उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेश नहीं मानता है तो उसे पर सैनिक कार्रवाई भी की जानी चाहिए। वही जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर प्रमोद आनंद गिरि ने बांग्लादेश पर बोलते हुए कहा कि वास्तव में आज बांग्लादेश में कोई सरकार है ही नहीं, भारत सरकार को चाहिए कि जिस तरह से श्रीलंका में शांति सेना भेजी गई थी उसी तरह बांग्लादेश में भी हिन्दू भाइयों की रक्षा के लिए सेना भेजनी चाहिए।
महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश ने कहा कि आज बांग्लादेश की स्थिति बहुत चिंताजनक है वहाँ आतंकी संगठनों की शह पर अल्पसंख्यको पर अत्याचार किये जा रहे हैं, आज बांग्लादेश में उस धार्मिक संगठन पर प्रतिबंध के प्रयास किये जा रहे है जिसने बांग्लादेश के संकट के समय रोज 2 लाख लोगों को बिना जाती धर्म पूछे भोजन वितरण किया, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे बांग्लादेश के विषय पर हस्तक्षेप करें।
रिपोर्ट : विकास