Amarnath Yatra 2025: 3 जुलाई से शुरू, श्रद्धालुओं का पहला जत्था 2 जुलाई को रवाना होगा

  • June 30, 2025
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साल 2025 की अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त तक चलेगी। इस पवित्र यात्रा के लिए पहले जत्थे की रवाना होने की तारीख 2 जुलाई तय की गई है, जो जम्मू बेस कैंप से निकलकर पहलगाम और बालटाल रूट से आगे बढ़ेगा।

यह यात्रा ना सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि श्रद्धा, शारीरिक सहनशक्ति और मानसिक धैर्य की भी परीक्षा है। हर साल हजारों श्रद्धालु हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित 12,700 फीट की ऊंचाई पर प्राकृतिक रूप से बनी बर्फ की शिवलिंग के दर्शन के लिए इस यात्रा पर निकलते हैं।


यात्रा में शामिल होने से पहले जरूरी हैं ये दस्तावेज:

  • आधार कार्ड (या पासपोर्ट – NRI के लिए)
  • यात्रा परमिट (SASB द्वारा अधिकृत)
  • RFID कार्ड (बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन के बाद)
  • CHC मेडिकल सर्टिफिकेट (अधिकृत डॉक्टर/हॉस्पिटल से)
  • 6 पासपोर्ट साइज फोटो
  • वैध मोबाइल नंबर
  • यात्रा तिथि से मेल खाते सभी दस्तावेज

बिना इन दस्तावेजों के यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।


स्वास्थ्य जांच है अनिवार्य – कौन नहीं कर सकता यात्रा?

  • दिल की बीमारी, अस्थमा, हाई BP, डायबिटीज या गंभीर रोग से पीड़ित लोग यात्रा के लिए उपयुक्त नहीं माने जाएंगे।
  • 13 से 70 वर्ष तक की आयु वालों को ही यात्रा की अनुमति होगी।
  • SASB से अधिकृत चिकित्सा केंद्र से CHC प्रमाणपत्र अनिवार्य है।

रूट जानकारी: पहलगाम या बालटाल – कौन सा रास्ता चुनें?

रूटदूरीविशेषताकिसके लिए उपयुक्त?
बालटाल16 KMछोटा लेकिन तीव्र चढ़ाईजल्दी दर्शन करने वाले अनुभवी यात्री
पहलगाम48 KMसुंदर, ढलान वाला, कम तीखाबुजुर्ग और पहली बार जाने वालों के लिए बेहतर

सुरक्षा व्यवस्था: हर मोर्चे पर पूरी तैयारी

  • यात्रा से पहले बेस कैंपों पर मॉक ड्रिल
  • CRPF की निगरानी, डॉग स्क्वॉड और CCTV निगरानी
  • जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर भूस्खलन रेस्क्यू ड्रिल
  • संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षा बलों की तैनाती

कुछ जरूरी बातें जिनका ध्यान रखना बेहद ज़रूरी है:

  • मेडिकल चेकअप और CHC सर्टिफिकेट को नजरअंदाज न करें
  • सीट लिमिटेड होती है, देर से रजिस्ट्रेशन पर मनचाही तारीख नहीं मिलेगी
  • SASB के सभी नियमों का पालन करें
  • यात्रा कठिन है, इसलिए फिटनेस को लेकर लापरवाही न बरतें

अमरनाथ यात्रा सिर्फ एक धार्मिक कर्तव्य नहीं, बल्कि श्रद्धा और संयम की परीक्षा है। पहले से तैयारी करें और नियमों का पालन करें।