
एक भयावह हादसा, जिसमें सिर्फ एक जिंदगी बची
12 जून 2025 की दोपहर भारतीय विमानन इतिहास के सबसे दर्दनाक दिनों में से एक बन गई, जब अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद क्रैश हो गई। इस विमान में 242 लोग सवार थे — 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य। लेकिन इस हादसे के बीच एक नाम ऐसा है जिसने सबका ध्यान खींचा — विश्वाश कुमार रमेश, जो इस भयावह हादसे में अकेले जीवित बचे।
धुएं, आग और मलबे के बीच एक उम्मीद
विश्वाश एक आईटी इंजीनियर हैं और लंदन में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते हैं। वे कुछ दिनों की छुट्टियों के बाद भारत से वापस लौट रहे थे। हादसे के कुछ घंटे बाद जब राहत और बचाव टीमों ने मलबे के बीच खोजबीन शुरू की, तो उन्हें एक कमजोर और जख्मी शरीर मिला — जो सांस ले रहा था। ये थे विश्वास कुमार।
विश्वाश को तुरंत अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। उनके शरीर पर कई गंभीर चोटें हैं, लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी स्थिति अब स्थिर है।
विश्वाश की पहली प्रतिक्रिया: ‘सब कुछ खत्म हो गया था…’
हॉस्पिटल में होश में आने के बाद विश्वास कुमार ने जो बताया, वो दिल को झकझोर देने वाला था। उन्होंने कहा,
“एक जोरदार धमाका हुआ… अचानक सब काला हो गया। सीट से झटका लगा और मैंने आंखें बंद कर लीं। जब होश आया तो चारों तरफ धुआं, मलबा और चीखें थीं। एक पल को लगा, मेरी ज़िंदगी खत्म हो गई है…”
विश्वाश ने बताया कि हादसे से कुछ मिनट पहले उन्होंने खिड़की से बाहर झांककर आसमान में फैले बादलों की एक तस्वीर ली थी। ये पल उनके लिए जीवन का अंतिम सुखद दृश्य बन गया।
एक चमत्कार, जिसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी
सुरक्षा अधिकारियों और बचाव दल ने भी माना कि इतने बड़े हादसे में किसी का जीवित बचना लगभग असंभव था। जिस जगह विमान गिरा था, वह घनी आबादी वाला इलाका था और आग ने पूरी जगह को घेर लिया था। मगर शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था — और विश्वाश को ज़िंदा रहने का मौका मिला।
परिवार की भावुक प्रतिक्रिया
विश्वाश की मां, जो पटना में रहती हैं, ने टीवी पर उनके जीवित होने की खबर देखी तो फूट-फूट कर रो पड़ीं। उन्होंने कहा,
“भगवान ने मेरे बेटे को दोबारा जन्म दिया है। वो घर वापस आएगा, यही मेरी प्रार्थना है।”
वहीं, उनके छोटे भाई ने मीडिया से कहा,
“हमें विश्वास नहीं हो रहा कि वो बच गया। पूरे देश के लिए यह एक चमत्कार है।”
जांच जारी, विश्वाश बन सकते हैं अहम गवाह
एयर इंडिया और डीजीसीए (DGCA) ने हादसे की जांच शुरू कर दी है। विमान निर्माता कंपनी बोइंग भी इस जांच में सहयोग कर रही है। ऐसी संभावना है कि विश्वाश कुमार इस हादसे में एकमात्र प्रत्यक्षदर्शी गवाह बन सकते हैं, जिनकी गवाही से हादसे के असली कारणों का खुलासा हो सकता है।
सवालों के घेरे में विमान की तकनीकी स्थिति
फिलहाल हादसे की वजहों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं — क्या यह तकनीकी खराबी थी? क्या रनवे पर कोई गड़बड़ी हुई? या फिर मानव त्रुटि की वजह से यह त्रासदी घटी? इन सवालों के जवाब जांच रिपोर्ट के बाद ही सामने आएंगे।
आखिर में… एक ज़िंदगी, जो पूरे देश की उम्मीद बन गई
विश्वाश कुमार की कहानी सिर्फ एक व्यक्ति के जीवित रहने की कहानी नहीं है, बल्कि यह उन सभी लोगों के लिए उम्मीद की एक किरण है जो जीवन के कठिनतम संघर्षों में भी हार मानने को तैयार नहीं होते। एयर इंडिया के इस हादसे ने भले ही सैकड़ों परिवारों को गम में डुबो दिया हो, लेकिन विश्वाश की ज़िंदगी ने यह साबित कर दिया कि चमत्कार अब भी होते हैं।
उनकी पूरी तरह से ठीक होकर अपने परिवार में लौटने की कामना आज पूरे देश की जुबान पर है।