अहमदाबाद प्लेन क्रैश LIVE: नागरिक उड्डयन मंत्री की आपात बैठक, डीएनए सैंपल जुटाने की प्रक्रिया तेज़

  • June 14, 2025
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भीषण विमान हादसे के बाद देशभर में शोक की लहर
अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 के क्रैश होने की खबर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। यह हादसा टेकऑफ के कुछ ही मिनट बाद मेघानी नगर के रिहायशी इलाके में हुआ, जिसमें 242 लोगों की जान चली गई। इनमें 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर शामिल थे। धमाके की आवाज और आग की लपटों ने आसपास के इलाके को दहशत में डाल दिया। अब जब राहत कार्य तेज़ी से चल रहा है, केंद्र सरकार भी हरकत में आ गई है।

नागरिक उड्डयन मंत्री ने बुलाई आपात बैठक
हादसे के बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने नई दिल्ली में एक आपातकालीन उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में DGCA, एयर इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी, एनडीआरएफ, और स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रतिनिधि मौजूद हैं। बैठक का उद्देश्य हादसे के कारणों की शुरुआती समीक्षा करना, राहत कार्यों की निगरानी करना और पीड़ित परिवारों को तत्काल सहायता पहुंचाना है।

बैठक के बाद मंत्री ने मीडिया को जानकारी दी,

“हमने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। पीड़ितों के परिवारों को हरसंभव मदद दी जाएगी। शवों की पहचान के लिए डीएनए सैंपलिंग प्रक्रिया तेज़ की जा रही है।”

डीएनए सैंपलिंग प्रक्रिया में तेजी
इस भयानक हादसे में कई शव बुरी तरह से झुलस गए हैं, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो गई है। ऐसे में डीएनए सैंपल जुटाकर शवों की पहचान का काम शुरू किया गया है। अहमदाबाद के सिविल अस्पताल और अन्य मेडिकल सुविधाओं में स्पेशल टीमें तैनात की गई हैं जो परिजनों से सैंपल इकट्ठा कर रही हैं।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि

“जब तक सभी शवों की पहचान नहीं हो जाती, अंतिम संस्कार की प्रक्रिया शुरू नहीं होगी, ताकि किसी भी तरह की गलती से बचा जा सके।”

साइट पर चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन
विमान जिस इलाके में गिरा वह घनी आबादी वाला क्षेत्र था। राहत टीमों को अभी भी मलबा हटाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। एनडीआरएफ, सेना और स्थानीय पुलिस संयुक्त रूप से मलबा हटाकर शवों और साक्ष्यों को इकट्ठा कर रहे हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां अब भी वहां तैनात हैं ताकि दोबारा कोई आग न लगे।

हादसे की जांच के लिए विशेषज्ञ टीम गठित
DGCA ने हादसे की जांच के लिए एक विशेष तकनीकी समिति गठित की है। इसमें विमानन क्षेत्र के विशेषज्ञ, एयरक्राफ्ट इंजीनियर, और एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से जुड़े अधिकारी शामिल हैं। एयर इंडिया ने भी बोइंग कंपनी से तकनीकी सहायता मांगी है, क्योंकि क्रैश हुए विमान में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है।

पीड़ित परिवारों को मदद की पहल
सरकार ने सभी पीड़ित परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है और अहमदाबाद एयरपोर्ट व दिल्ली में सहायता केंद्र बनाए गए हैं। परिजनों को घटनास्थल के दौरे के लिए विशेष विमान से लाने की व्यवस्था की जा रही है। मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों की टीम को भी परिवारों की मदद के लिए नियुक्त किया गया है।

देशभर में शोक की लहर, नेताओं ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री ने कहा,

“यह हादसा अत्यंत पीड़ादायक है। मेरी संवेदनाएं पीड़ितों के परिवारों के साथ हैं। केंद्र सरकार हरसंभव सहायता देगी।”

विजय रूपाणी की स्थिति अब भी स्पष्ट नहीं
हादसे में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, लेकिन अभी तक उनकी स्थिति की आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। उनके परिवार ने मीडिया से अपील की है कि अफवाहों से बचा जाए और केवल आधिकारिक जानकारी पर भरोसा करें।

क्या इस हादसे को रोका जा सकता था?
अब सवाल उठ रहा है कि क्या टेकऑफ के तुरंत बाद इतना बड़ा हादसा तकनीकी लापरवाही का नतीजा है? क्या एयर ट्रैफिक कंट्रोल से समय रहते कोई चेतावनी मिली थी? और क्या एयरक्राफ्ट में पहले से कोई समस्या थी? इन सभी सवालों के जवाब अब जांच पर निर्भर हैं।

निष्कर्ष: दर्द, सवाल और राहत की कोशिशें
अहमदाबाद विमान हादसा न केवल एक तकनीकी त्रासदी है, बल्कि एक मानवीय संकट भी है। सरकार की ओर से राहत कार्यों की कोशिशें जारी हैं, लेकिन परिजनों के लिए यह सदमा जीवनभर के लिए एक गहरा जख्म बनकर रह जाएगा। आने वाले दिनों में इस मामले से जुड़े कई और खुलासे सामने आ सकते हैं, लेकिन फिलहाल देश की नजरें सिर्फ एक ही सवाल पर टिकी हैं — आख़िर ये हादसा हुआ कैसे?