
हिमाचल प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर कहर बरपाया है। बुधवार को धर्मशाला और कुल्लू जिलों में पांच अलग-अलग जगहों पर बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। हादसों में अब तक दो लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि नौ लोग अब भी लापता हैं। राहत और बचाव कार्य लगातार जारी है।
धर्मशाला और कुल्लू सबसे ज्यादा प्रभावित
- धर्मशाला के खनियारा इलाके में मनूणी खड्ड में आई बाढ़ ने एक निर्माणाधीन बिजली परियोजना को अपनी चपेट में ले लिया। आठ मजदूर बह गए, जिनमें से दो के शव बरामद कर लिए गए हैं।
- कुल्लू जिले के सैंज, बंजार, शिलागढ़ और मनाली के इलाकों में बादल फटने से कई वाहन और पुल बह गए।
- बंजार की होरनगाड़ नदी में आई बाढ़ से स्कूल और सड़कें भी प्रभावित हुईं।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा असर
- 171 सड़कें बंद
- 550 से ज्यादा ट्रांसफार्मर ठप
- कई गांवों और पर्यटक स्थलों पर संचार व्यवस्था भी प्रभावित
2,000 से ज्यादा पर्यटक फंसे
सैंज घाटी के शैशर, शांघड़ और सुचैहन इलाकों में भारी बारिश के कारण 150 से ज्यादा पर्यटक वाहन और करीब 2,000 पर्यटक फंसे हुए हैं। प्रशासन इन सभी को सुरक्षित निकालने में जुटा है।
मौसम विभाग का अलर्ट जारी
- 27 जून से 2 जुलाई तक येलो और ऑरेंज अलर्ट
- चंबा, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में बाढ़ का खतरा
- बीते 24 घंटों में पालमपुर, बंजार, धर्मशाला और ऊना में सबसे ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई
पंडोह डेम और बिजली उत्पादन पर असर
- ब्यास नदी में पानी बढ़ने से पंडोह डेम का जलस्तर बढ़ा
- भारी गाद के कारण देहर पावर हाउस का विद्युत उत्पादन बंद
- हालांकि, अभी खतरे का स्तर पार नहीं हुआ है और स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है
सीएम की अपील और निगरानी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू लगातार हालात की मॉनिटरिंग कर रहे हैं और उन्होंने प्रशासन को राहत कार्य तेज करने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने पर्यटकों से अपील की है कि वे हिमाचल आने में न डरें, लेकिन नदी-नालों से दूरी बनाकर रखें। वहीं, जेपी नड्डा ने भी घटना पर शोक जताया है।