पाकिस्तान ने भारत-पाक संघर्ष में ‘शांति प्रयासों’ के लिए ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए किया नामित

  • June 21, 2025
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इस्लामाबाद:
पाकिस्तान सरकार ने शनिवार को घोषणा की कि उसने 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम प्रस्तावित किया है। यह सिफारिश उनके द्वारा भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान निभाई गई “निर्णायक कूटनीतिक भूमिका” को मान्यता देने के उद्देश्य से की गई है।

यह घोषणा पाकिस्तान सरकार की ओर से एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक आधिकारिक पोस्ट में की गई, जिसमें लिखा गया, “पाकिस्तान सरकार ने राष्ट्रपति डोनाल्ड जे. ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए औपचारिक रूप से सिफारिश की है।”

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब ट्रंप ने हाल ही में व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर से मुलाकात की थी।

भारत-पाकिस्तान संघर्ष की पृष्ठभूमि

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया था। इसके जवाब में, भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक सैन्य हमले किए थे। इसके बाद चार दिन तक सीमा पर सैन्य संघर्ष चला, जो 10 मई को सैन्य अधिकारियों के बीच सहमति के बाद रुका।

ट्रंप की भूमिका पर पाकिस्तान का दावा

पाकिस्तानी सरकार ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने “इस्लामाबाद और नई दिल्ली के साथ निरंतर संपर्क में रहकर” युद्ध की स्थिति को शांत किया और दो परमाणु शक्तियों के बीच खुले संघर्ष को टालने में भूमिका निभाई।

पोस्ट में कहा गया:

“यह हस्तक्षेप राष्ट्रपति ट्रंप के एक सच्चे शांतिदूत के रूप में योगदान को दर्शाता है और यह उनकी संघर्ष समाधान के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है।”

सरकार ने जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को भी “ईमानदार प्रयास” करार देते हुए सराहा।

भारत की प्रतिक्रिया

हालाँकि, भारत सरकार इस दावे से सहमत नहीं है। नई दिल्ली का कहना है कि उस समय भारत के कड़े सैन्य जवाब ने पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर किया और ट्रंप की भूमिका प्रतीकात्मक रही।

ट्रंप की प्रतिक्रिया

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने भाषणों में बार-बार दावा किया है कि उन्होंने भारत-पाक युद्ध को टालने में निर्णायक भूमिका निभाई। उन्होंने अफसोस जताया कि उन्हें इसके लिए कभी नोबेल शांति पुरस्कार नहीं मिलेगा, भले ही उन्होंने रूस-यूक्रेन और इज़राइल-ईरान संघर्षों में भी शांति प्रयास किए हैं।