
नई दिल्ली/टोरंटो: लंबे समय से तनावपूर्ण चल रहे भारत-कनाडा संबंध अब धीरे-धीरे सामान्य होने की दिशा में बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी के बीच G7 समिट के मौके पर हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच संधि और सहयोग का एक नया रास्ता खोला है। इस कूटनीतिक पहल के तहत भारत सरकार ने कनाडा में वरिष्ठ राजनयिक दिनेश के. पटनायक को नया उच्चायुक्त नियुक्त करने की तैयारी शुरू कर दी है।
दिनेश पटनायक होंगे कनाडा में भारत के नए राजदूत
फिलहाल स्पेन में भारत के राजदूत के रूप में कार्यरत दिनेश पटनायक को कनाडा भेजा जा रहा है, जबकि उनकी जगह जयंथ खोब्रागड़े स्पेन में नई जिम्मेदारी संभाल सकते हैं। विदेश मंत्रालय ने कनाडा से इस नियुक्ति को लेकर आवश्यक स्वीकृति की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
दो साल की दूरी के बाद अब समीपता की शुरुआत
लगभग दो वर्षों से जारी राजनयिक गतिरोध के बाद, दोनों देशों के नेताओं ने उच्चायुक्तों की बहाली, बंद पड़ी व्यापार वार्ता को फिर शुरू करने और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री के अनुसार, यह बैठक “सकारात्मक और रचनात्मक” रही, जिसमें दोनों पक्षों ने संबंधों को सम्मानजनक और संतुलित तरीके से आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता दोहराई।
खालिस्तान मुद्दे पर फिलहाल सार्वजनिक चुप्पी
बैठक के दौरान दोनों देशों ने सुरक्षा से जुड़े विषयों पर भी चर्चा की, लेकिन खालिस्तान मुद्दे पर कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया गया। कनाडा ने अपने बयान में “ट्रांसनेशनल क्राइम” और “राजनीतिक दमन” को लेकर चिंता जताई, लेकिन हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कोई प्रत्यक्ष टिप्पणी नहीं की गई। वहीं भारत ने कहा कि भारत-कनाडा संबंध लोकतंत्र, कानून के शासन और संप्रभुता के सिद्धांतों पर आधारित हैं।
व्यापारिक सहयोग की ओर बढ़ते कदम
भारत ने बैठक के दौरान अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (EPTA) पर बातचीत फिर से शुरू करने और आगे चलकर कॉम्प्रिहेन्सिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप एग्रीमेंट (CEPA) की संभावनाओं को बल देने की इच्छा जताई। हालांकि कनाडा के आधिकारिक बयान में व्यापार का सीधा उल्लेख नहीं था, भारत ने इस दिशा में सकारात्मक संकेत दिए हैं।
ट्रूडो सरकार की नीतियों पर अप्रत्यक्ष तंज
पिछले वर्ष कनाडा द्वारा भारतीय राजनयिकों को निष्कासित किए जाने के बाद भारत ने भी जवाबी कार्रवाई की थी। भारत का यह भी मानना रहा है कि उस दौरान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की वोटबैंक राजनीति ने द्विपक्षीय संबंधों को नुकसान पहुंचाया। लेकिन अब दोनों देश फिर से उच्चायुक्तों की नियुक्ति कर व्यापार और प्रवासी भारतीयों के हितों को प्राथमिकता देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
साझा वैश्विक मुद्दों पर सहयोग की सहमति
बैठक में जलवायु परिवर्तन, समावेशी विकास, और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को लेकर भी दोनों देशों ने सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। साथ ही इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में मुक्त, स्वतंत्र और समावेशी दृष्टिकोण को साझा करते हुए डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कनेक्टिविटी, खाद्य सुरक्षा और क्रिटिकल मिनरल सप्लाई जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं को तलाशा गया।
निष्कर्ष: रिश्तों में ‘रीसेट’ का संकेत
प्रधानमंत्री मोदी की कनाडा यात्रा के बाद जो संवाद शुरू हुआ है, उससे साफ है कि भारत और कनाडा दोनों ही अब अतीत की कटुता को पीछे छोड़कर नए द्विपक्षीय अध्याय की ओर बढ़ना चाहते हैं। यह विकास न केवल दोनों सरकारों के लिए, बल्कि प्रवासी भारतीय समुदाय और अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक रिश्तों के लिए भी सकारात्मक संकेत है।