संभल में हुई घटना के बाद बदायूं पुलिस हुई अलर्ट

  • November 27, 2024
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कृषि कानून को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर हुए किसान आंदोलन की आज चौथी बरसी है। जिसके चलते संयुक्त किसान मोर्चे के आह्वान पर मंगलवार को मुजफ्फरनगर जनपद में स्थित जिला कलेक्ट्रेट पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ो किसानों ने पहुंचकर धरना प्रदर्शन कर किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर एक ज्ञापन राष्ट्रपति के नाम जिला प्रशासन को सौपा।

इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने मीडिया से बात करते हुए संभल में हुई घटना पर बोलते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था यह सरकार की एक साजिश है उन्होंने कहा कि पांच-छह लोग वहां मर गए हैं पूरे प्रदेश में अलर्ट हो रहा है पहले भी 2013 में मुजफ्फरनगर जिला जल गया था इसलिए इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए।

नरेश टिकैत की माने तो यह तो पूरे भारत में ही है किसान संयुक्त मोर्चा का 26 नवंबर का रख रखी थी। बात तो यहां भी वही है जो किसान समस्या है हमारे साढ़े सात सौ किसान शहीद हो गए। उनका भी नाम लेना पड़ेगा उन्हें भी भूल नहीं जा सकता और यह सरकार की अनदेखी हो रही सरकार के वादे है वादा खिलाफी सरकार कर रही है तो एक धरना प्रदर्शन के ज्ञापन के माध्यम से वह बात उठाई जाए। शांति के तरीके से हम आंदोलन कर रहे मुख्य रूप से तो ” गन्ने ” वाली की समस्या है।

सबसे बड़ी मिल चालू हो गए पर्ची पर जीरो – जीरो लिखकर आ रहा है उसका रेट घोषित हो हमें यह तो पता लगे कि हमें क्या मिल रहा है। अगर सरकार यह कह रही की नहीं कुछ देना तो हमें बताएं इतने घाटे मिल है कुछ तो बहाना मारे मिल भी बड़े प्रॉफिट में है तो यह इस तरह की क्यों कर रहे खाद की दिक्कत है। बिजली की इतनी मारामारी हो रही और आज जो एमएसपी का मुद्दा था वह भी ज्यो का त्यों लटक रहा हमारी क्या सीट थी यह तो हमारे से अलग थी।

ये तो हो गई ठीक है जो कोई जीत गया वह बढ़िया अपना ठीक काम करो वीडियो तो आ ही रही बताओ उसमें क्या झूठ और सच है। वह तो आप लगाओ अंदाजा हाथ में एक पुलिस वाले इंस्पेक्टर हैं वह हाथ में रिवाल्वर ले रहे गाली गलौज कर रहे। इस तरह की बात नहीं होनी चाहिए और संभल में ऐसा नहीं होना चाहिए था।

यह सरकार एक की साजिश है इस तरह की ऐसा नहीं होना चाहिए था छेड़छाड़ ना करें कोर्ट में जो डाल दिया। उसमें जो होगा हो जाएगा लेकिन जो बात पहले हो चुकी आगे ना कुछ इस तरह की विवादित बात हो। हम तो यही कह रहे हैं की कितनो पर ही मुकदमे हो गए 5 -6 लोग मर गए हैं।

इस तरह की बात नहीं चाहिए पूरे प्रदेश में अलर्ट हो रहा है इस बात के लिए पहले ही 2013 में यह जिला व प्रदेश जल गया था। बहुत प्रयास से हम लोगों ने काबू किया मिलजुल कर तो इस तरह की बात ना करे। सभी को ठीक -ठाक रहने का हक है। पुलिस तो बदनाम है इसमें तो कोई दो राय नहीं हम तो यह कहते हैं यह भी सब अपने ही भाई हैं संयम से काम ले इनको भी समाज में ही रहना है। कोई साल भर में रिटायर हो रहा कोई 6 महीने में रिटायर हो रहा कोई 10 साल में तो कोई 4 साल में इस तरह की बात ना करें, फिर मुकदमे बाजी हो फिर यह चिन्हित हो सरकार बदलती है फिर कोई और बात हो तो इस तरह की बात नहीं होनी चाहिए।

मुझे लगता है वादा तो कोई भी पूरा नहीं हुआ किसान संयुक्त मोर्चे को अधिकार है व बड़े स्तर की बात है। यह हमारा भी एक छोटा सा संगठन है ज्यादा बड़ा तो यह है नहीं, सबकी जिम्मेदारी है आंदोलन चलाने की और किसान हित की बात तो हमेशा सोचने के लिए हैं। हमें देखो यह तो सरकार की जिम्मेदारी है मिल बैठकर बात करनी चाहिए। जैसे पहले बात होती थी। लेकिन सरकार बात नहीं करना चाहती हैं।

रिपोर्ट – विजय मुंडे